मौजूदा समय में देश के ऑटोमोबाइल मार्केट में SUV कारों की मांग में वृद्धि होती हुई दिखाई दे रही है। इसी वजह से वाहन कंपनियां भी इस सेगमेंट में नियमित तौर पर नई कारों की लांचिग करने जा रही है। अभी हाल ही में हुंडई टक्सन, टोयोटा हाइराइडर और ग्रैंड विटारा जैसी कारें पेश कर दी गई है। ऑटो इंडस्ट्री के लिए भारत सरकार द्वारा फेम-2 स्कीम, व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी जैसी स्कीम लाने के उपरांत ऑटो उद्योग को इससे बहुत लाभ होने वाला है।
कारों की बिक्री की रिपोर्ट में SUV सेगमेंट में गाड़ियों की सेल्स में तेज गति से वृद्धि भी देखने के लिए मिली है। इस बात का भी अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले 7 साल में इस सेगमेंट की भागेदारी में 9 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है और इनकी बिक्री वर्ष 2028 तक 2।16 मिलियन यूनिट्स तक होने वाली है।
इन कारणों से पहली पसंद बन रही एसयूवी: बता दें कि SUV गाड़ियां ऑफ- रोडिंग के लिए सबसे अच्छी कही जाती है। ये गाड़ियां देखने में बहुत बोल्ड और मस्कुलर वाली होती। इनकी कीमतें आम कारों से थोड़ी ज्यादा सेडान कारों के मूल्यों के करीब होती हैं।
ये हैं सेल्स रिकॉर्ड: पैसेंजर वाहनों में मौजूदा वक़्त में कम्पैक्ट SUV की सबसे अधिक डिमांड है। SUV सेगमेंट, प्रीमियम हैचबैक कारों के बाजार को पीछे छोड़ रही है। ऑटो विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ वर्षों में यह अग्रणी सेगमेंट बन सकती है। वित्त वर्ष 2016 में इसकी बाजार में हिस्सेदारी 22 प्रतिशत था, जो वित्त वर्ष 2021 तक बढ़कर 24 प्रतिशत हो गया। लेकिन, वित्त वर्ष 2022 में इस सेगमेंट की बिक्री शेयर गिरकर 21 प्रतिशत हो गई।
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