वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन लाने के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश देता है। वास्तु के सिद्धांतों का पालन न केवल घर बनाते समय किया जाता है, बल्कि नई वस्तुएं खरीदने और उनके उपयोग में भी इनका महत्व होता है। जैसे-जैसे अक्टूबर का महीना शुरू होता है, त्योहारों का दौर भी शुरू हो जाता है। नवरात्रि, दशहरा, दीपावली और धनतेरस जैसे प्रमुख त्योहारों के समय, लोग नए वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी करते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, इन नई वस्तुओं को घर में लाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है।
वास्तु के अनुसार नई वस्तुओं की खरीदारी:
त्योहारों के इस सीजन में नई वस्तुओं की खरीदारी के समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इनका उपयोग केवल एक भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करने तक सीमित न हो, बल्कि वे सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का भी संचार करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी भी नई वस्तु की खरीदारी शुभ मुहूर्त और दिन के अनुसार की जानी चाहिए। खासकर दीपावली और धनतेरस के दिन को खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जो भी वस्तु खरीदी जा रही है, वह आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाले।
गाड़ी खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
त्योहारों के समय वाहन खरीदना एक प्रमुख घटना मानी जाती है। चाहे वह कार हो, बाइक हो, या कोई अन्य वाहन, इसे खरीदते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है। नई गाड़ी घर में लाते समय इन वास्तु टिप्स पर ध्यान देना चाहिए:
शुभ मुहूर्त: गाड़ी खरीदने से पहले शुभ मुहूर्त और दिन का चुनाव करें। ऐसा माना जाता है कि शुभ समय में खरीदी गई वस्तुएं दीर्घकालिक लाभ और सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं।
वाहन का रंग: वास्तु शास्त्र के अनुसार, गाड़ी का रंग अत्यंत महत्वपूर्ण है। सिल्वर, सफेद या हल्के रंगों की गाड़ियां शुभ मानी जाती हैं, क्योंकि ये रंग सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं। सिल्वर रंग समृद्धि और शांति का संकेत देता है, जबकि सफेद रंग पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। हल्के रंगों की गाड़ियां भी मानसिक शांति प्रदान करती हैं। इसके अलावा, आपकी राशि के अनुसार शुभ रंगों का चुनाव करना भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
गाड़ी का दिशा और स्थान: वास्तु शास्त्र के अनुसार, गाड़ी को सही दिशा में पार्क करना भी महत्वपूर्ण होता है। गाड़ी को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में पार्क करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और वाहन दुर्घटना से बचाव होता है।
नई गाड़ी में रखी जाने वाली शुभ वस्तुएं:
वास्तु शास्त्र में सिर्फ गाड़ी खरीदने का ही नहीं, बल्कि गाड़ी में क्या रखना चाहिए, इसका भी जिक्र किया गया है। कुछ विशेष वस्तुओं को गाड़ी में रखने से घर और परिवार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
तिब्बती झंडा: तिब्बती प्रार्थना झंडे को गाड़ी में रखना शुभ माना जाता है। यह झंडा सकारात्मक ऊर्जा और अच्छे भाग्य का संकेत होता है, साथ ही यह बुरी नजर से भी बचाता है।
काला कछुआ: काले कछुए की एक छोटी सी मूर्ति को गाड़ी में रखना भी शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार, यह वाहन की सुरक्षा के लिए अच्छा होता है और दुर्घटनाओं से बचाव करता है।
भगवान की मूर्ति: गाड़ी में भगवान गणेश, लक्ष्मी या किसी भी अन्य देवी-देवता की मूर्ति रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह गाड़ी की सुरक्षा के साथ-साथ, यात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाता है।
धूप या इत्र: गाड़ी में सुगंधित धूप या इत्र का उपयोग सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए किया जा सकता है। इससे वाहन के भीतर की ऊर्जा शुद्ध और सकारात्मक रहती है।
गाड़ी की देखभाल और सफाई:
वास्तु के अनुसार, गाड़ी की नियमित सफाई भी बेहद महत्वपूर्ण होती है। गाड़ी में रखी वस्तुओं को हमेशा साफ और व्यवस्थित रखना चाहिए। गाड़ी में कभी भी अनावश्यक सामान नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। नियमित सफाई और धुलाई से गाड़ी में सकारात्मकता बनी रहती है और यह दीर्घकालिक रूप से अच्छा प्रदर्शन करती है।
त्योहारों के समय नई वस्तुओं की खरीदारी को वास्तु शास्त्र के दृष्टिकोण से ध्यान में रखना आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है। वास्तु के नियमों के अनुसार गाड़ी का रंग, दिशा, और उसमें रखी वस्तुएं आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। इन सरल लेकिन प्रभावी उपायों को अपनाकर आप न केवल वास्तु के अनुसार जीवन में संतुलन बनाए रख सकते हैं, बल्कि त्योहारों का आनंद भी सकारात्मक ऊर्जा के साथ ले सकते हैं।
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