शिमला: पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code- UCC) का मुद्दा देश के सामने रखते ही इसको लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UCC) ने इसका समर्थन कर दिया है। वहीं, हैरान करने वाली बात ये है कि, AAP और शिवसेना के अतिरिक्त कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुखु सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने भी इसका समर्थन कर दिया है।
हालांकि, विक्रमादित्य सिंह ने सत्तारूढ़ भाजपा को इस मामले पर प्रोपेगेंडा नहीं करने की भी सलाह दी है। हिमचाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा कि, 'नौ साल से देश में एनडीए की पूर्ण बहुमत की सरकार है। इस कानून को लागू करने से कौन रोक रहा है? आज चुनाव से कुछ महीने पहले ही इसका प्रोपेगेंडा क्यों हो रहा है? जय श्री राम।' विक्रमादित्य सिंह ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि, 'समान नागरिक संहिता का हम पूर्ण समर्थन करते हैं, जो कि भारत की एकता और अखंडता के लिए जरूरी है। लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।'
वहीं, संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के लोकसभा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क (Dr। Shafiqur Rahman Barq) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। सपा सांसद ने कहा है कि मुस्लिम UCC को लेकर सरकार का फैसला नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई भी फैसला मुसलमान नहीं मानेंगे, वो केवल उलेमाओं और मुफ्तियों का ही फैसला मानेंगे। सरकार को इसके लिए पहले उनके साथ चर्चा करनी चाहिए। उसके बाद जो भी वो आगे का फैसला लेंगे, उसी को माना जाएगा। बर्क ने कहा है कि, 'ये मसला मजहब का है। इस्लाम में मौलाना, मुफ्ती सब मौजूद हैं। वो जो भी फैसला लेंगे, हम उसे मानेंगे।
बता दें कि, इससे पहले भी सपा सांसद ने समान नागरिक संहिता को लेकर कहा था कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर घबराई हुई है, इसलिए वो लोगों के बीच हिन्दू-मुसलमान करके वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही हैं। इससे देश के हालात और बदतर हो जाएंगे। यही नहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अपने संसद की तरह UCC का विरोध कर चुके हैं, अखिलेश का कहना था कि "बाबा साहब ने हमें संविधान दिया है यही हमारा UCC है। BJP के लोग नफरत फैलाकर, आपस में लड़ाकर समाज में खाई उत्पन्न कर रहे हैं। इस बार भाजपा की कोई रणनीति नहीं चलने वाली।' हालाँकि, संविधान की बात कर रहे अखिलेश शायद यह भूल रहे हैं कि, संविधान देश के हर नागरिक को समान अधिकार देता है और उन्हें एक ही नज़र से देखने की वकालत करता है, जो UCC का मूल है और यही वजह है कि, हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इसे लागू करने की सलाह दे चुके हैं। यदि यह संविधान के खिलाफ होता, तो क्या सर्वोच्च न्यायालय इसकी वकालत करता ?
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