रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine Conflict) के बीच की जंग की चिंगारी अब ओलंपिक खेलों (Olympic Games) तक आ गई है. यदि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के उपरांत रूस और उसके सहयोगी बेलारूस के एथलीट अगर ओलंपिक खेलों में हिस्सा भी लेते हैं तो लातविया अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic) का बायकॉट कर सकता है. जबकि लातविया सहित यूरोप की विभिन्न सरकारों ने रूस और बेलारूसियों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के दबाव की आलोचना भी कर रहे है. इसके अलावा यूक्रेन ने खेलों का बहिष्कार करने की धमकी भी दे डाली है है. हालांकि अभी तक राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों ने इस केस पर चुप्पी साध रखी है.
लातवियाई ओलंपिक समिति के अध्यक्ष ज़ोर्ज़ टिक्मर्स ने सोमवार को लातविया के एक TV चैनल से बात करते हुए बोला है, " यदि ओलंपिक खेलों का आयोजन अभी होता है और रूसी और बेलारूसी एथलीटों को ओलंपिक खेलों में भाग लेने की अनुमति भी प्रदान की गई है, तो लातवियाई टीम इस प्रतियोगिता में नहीं जाने वाली है." हालांकि इस बड़े बयान के बाद भी अभी तक IOC की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. आपको बता दें कि 1980 के मास्को ओलंपिक में टिकमर्स ने सोवियत संघ के लिए सिल्वर मेडल जीता था.
यूक्रेन भी लगातार कर रहा विरोध: लातविया की सीमा रूस से लगती है और 1991 में सोवियत संघ से अपनी आजादी भी अपने नाम कर ली है. लातविया यूक्रेन का एक बहुत बड़ा समर्थक देश बताया गया है. 2021 में टोक्यो में स्वर्ण-पदक मुकाबले में रूसी टीम को हराकर लातविया मेंस टीम ने के 3-ऑन-3 बास्केटबॉल का गोल्ड भी जीत लिया है. यूक्रेन भी ओलंपिक में रूसियों को प्रतिस्पर्धा करने देने का निरंतर विरोध करता रहा है. पिछले सप्ताह यूक्रेन राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भी ओलंपिका का बहिष्कार करने की धमकी भी दे दी है.
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