नई दिल्ली: गणित को लेकर हमारी धारणाओं से लड़कियों को कई बार बहुत हानि उठानी पड़ती है। खासकर शिक्षक और माताओं द्वारा यह कहना कि लड़के गणित में बहुत ही ज्यादा कुशल होते हैं। गणित को लेकर इस तरह के लैंगिक पक्षपात से लड़कों को लाभ होता है। आयरलैंड के राज्य परीक्षा आयोग के शोध में यह खुलासा किया गया है।
यह शोध विशेष रूप से गणित में 9 वर्ष के बच्चों के प्रदर्शन के आकलन पर आधारित है। शोध में 9 साल के 8500 बच्चों को शामिल किया जा चुका है। इस शोध में कहा गया है कि इस इलाके में उपलब्धियों को लड़कों की प्राकृतिक क्षमता के संकेतक के रूप में देखते है। शोध में बताया गया है कि कई अन्य देशों की तरह ही आयरलैंड में भी लड़के, लड़कियों की तुलना में गणित और इसकी उपलब्धियों प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण रखा जाता है। जबकि लड़कों की तुलना में लड़कियों के गणित में प्रदर्शन को कम करके आंकते है। जिसमे भी खासकर शिक्षकों और माताओं के द्वारा। शोध में यह भी बोला गया है कि लड़कियों की तुलना में माताओं और शिक्षकों द्वारा गणित में लड़कों को उत्कृष्ट या औसत से ऊपर के रूप में मूल्यांकन करने की संभावना क्रमशः 1.3 और 1.5 गुना ज्यादा होती है।
इसलिए मनाते हैं राष्ट्रीय गणित दिवस: इतना ही नहीं 22 दिसंबर 1887 को महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म हुआ था, उन्ही की याद में इस दिन को मनाया जाता है। इंडिया गवर्नमेंट ने रामानुजन की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए उनके जन्मदिन को गणित दिवस के रूप में एलान कर दिया गया था। इसका एलान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 26 फरवरी 2012 को श्रीनिवास रामानुजन के जन्म की 125वीं वर्षगांठ के उद्घाटन समारोह के समय किया था।
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