जामताड़ा: झारखंड के जामताड़ा से एक अनोखी घटना सामने आ रही है यहाँ अंबा गांव के रहने वाले अरिंदम चक्रवर्ती एवं अनिमेष चक्रवर्ती ने दुनिया के सबसे महंगे आम मियाजाकी को सफलता पूर्वक उगाया है। मियाजाकी आम की सबसे अधिक खेती जापान में होती है। हालांकि, आहिस्ता-आहिस्ता अब इसकी खेती भारत में भी आरम्भ हो गई है। कुछ वर्षों पहले मध्य प्रदेश के जबलपुर में इस आम की खेती की खबरें आई थी।
अनिमेष एवं अरिंदम दोनों भाई हैं। दोनों ने मिलकर अपने बाग में मियाजाकी प्रजाति के आम को कामयाबीपूर्वक उगाया है। इस आम का असली नाम ताईयो - नो - टोमागो है। । ये आम नजर आने में बहुत खूबसूरत होता है। साथ ही अपने औषधीय गुणों के चलते वैश्विक बाजार में ये आम ढाई लाख रुपये किलो तक बिकता है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में ये आम 1500 रुपए प्रति पीस खरीदा जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये आम जब पूर्ण रूप से पक जाता है तो इसका वजन 900 ग्राम तक पहुंच जाता है। साथ ही इसका रंग हल्का लाल एवं पीला हो जाता है तथा इसकी मिठास भी सबको अपनी ओर आकर्षित करती है। इसके अतिरिक्त इसमें अन्य आमों की तुलना में रेशे बिल्कुल नहीं पाए जाते हैं। इस आम को एग ऑफ सन यानी सूर्य का अंडा भी कहा जाता हैं।
वही इसके अतिरिक्त अपने उग्र लाल रंग की वजह से मियाज़ाकी आमों को ड्रैगन का अंडा भी बोला जाता है। अरिंदम चक्रवर्ती एवं अनिमेष चक्रवर्ती ने अपने बाग में इस आम के 7 वृक्ष लगा रखें हैं। इनमें से 3 वृक्षों पर फल लगा हुआ है। अरिंदम बताते हैं कि उन्हें बागवानी का आरम्भ से शौक है। उनके समीप 2000 पौधों का बागान है। उनके समीप केवल मियाजाकी ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में उगाए जाने वाले महंगे आमों का कलेक्शन है। उनके बाग अल्फांसो, आईवेरी, किंग ऑफ चकापात, इंडोनेशिया का हारून मनीष, बनाना मैंगो, पोर्टेल मैंगो, हनीड्यू जैसे विदेशी एवं देसी वैरायटी के आमों के 45 किस्में के वृक्ष लगे हुए हैं।
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