काबुल: तालिबान अफगानिस्तान में महिलाओं के ‘ब्यूटी सैलून’ पर प्रतिबंध का कारण बताया है। तालिबान का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि ये ऐसी सेवाएं देते हैं, जो इस्लाम में हराम हैं। इसके साथ ही निकाह के दौरान दूल्हे के परिवार के लिए यह आर्थिक समस्या का कारण भी बनते हैं। तालिबान का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब कुछ दिन पहले ही उसने इस बात की पुष्टि की थी, उसने देश में इस प्रकार के सभी सैलून को अपना करोबार समेटने और दुकान बंद करने के लिए एक महीने का समय दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार (6 जुलाई) को एक वीडियो क्लिप में तालिबान शासित धार्मिक मामलों के 'वर्चु एंड वाइस' मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक अकिफ महजर ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने ऐसे कई सैलून को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि भवों को आकार देना, मेकअप का इस्तेमाल करना, किसी महिला के प्राकृतिक बालों को बढ़ाने के लिए दूसरों के बाल का उपयोग करना इस्लाम के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि ब्यूटी सैलून निकाह के दौरान दूल्हे के परिवार के लिए आर्थिक परेशानी का सबब बनते हैं, क्योंकि यहां दुल्हन के मेकअप का खर्चा दूल्हे के परिवार को उठाना पड़ता है।
वहीं, तालिबान के इस फरमान पर अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों ने महिला उद्यमियों पर इसके असर को लेकर चिंता प्रकट की है। अफगान महिलाओं एवं लड़कियों की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों पर बंदिश लगाने वाला यह हालिया फैसला है। इससे पहले तालिबान महिलाओं एवं लड़कियों की शिक्षा, सार्वजनिक जगह पर जाने और रोजगार के अधिकतर तरीकों पर पाबंदी लगा चुका है।
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