ये राजभवन का दुरूपयोग..! MUDA घोटाले में होगी सीएम सिद्धारमैया की जांच, मंजूरी मिलते ही भड़की कांग्रेस

ये राजभवन का दुरूपयोग..! MUDA घोटाले में होगी सीएम सिद्धारमैया की जांच, मंजूरी मिलते ही भड़की कांग्रेस
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बैंगलोर: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने शनिवार को आरोप लगाया कि MUDA 'घोटाले' में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने का कर्नाटक के राज्यपाल का फैसला केंद्र सरकार द्वारा सुनियोजित है। एक्स पर एक पोस्ट में, खड़गे ने कहा कि, "MUDA मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने का कर्नाटक के राज्यपाल का फैसला केंद्र सरकार द्वारा सुनियोजित है। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को कमजोर करने के लिए भाजपा द्वारा राजभवन का दुरुपयोग किया जा रहा है।"

प्रियांक खड़गे ने आगे कहा कि, "राज्य के संवैधानिक प्रमुख अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए संवैधानिक संकट को बढ़ावा दे रहे हैं। केंद्र सरकार इसके पीछे अपनी पूरी ताकत लगा सकती है, लेकिन हम संविधान के साथ मजबूती से खड़े हैं।" दरअसल, आज शनिवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने के बाद उनकी यह प्रतिक्रिया आई है। सिद्धारमैया कहते रहे हैं कि सब कुछ कानून के अनुसार किया गया। इस कदम को चुनौती देते हुए कर्नाटक सरकार ने कहा कि वे अभियोजन के लिए राज्यपाल की अनुमति के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। 

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में, आरोपों का खंडन करते हुए, सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि, "MUDA के मामले में, सब कुछ कानून के अनुसार किया गया था। मैंने भूखंड के आवंटन पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं डाला है। मेरी पत्नी को कानून के अनुसार भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 2021 में एक प्रतिस्थापन भूखंड दिया गया है।" 

वहीं, गवर्नर के कदम का बचाव करते हुए, राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि राज्यपाल ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग किया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि, "माननीय राज्यपाल ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग किया है और मुख्यमंत्री की MDUA घोटाले की शिकायत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अनुमति दी है।" उन्होंने आगे आरोप लगाया, "कांग्रेस सरकार के भ्रष्ट घोटालों और मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों के पक्षपात और भ्रष्टाचार के खिलाफ पर्याप्त रिकॉर्ड और सबूत रखकर सिद्धारमैया ने यह दिखा दिया है कि उन्हें हिलाने वाला कोई नहीं है।" 

बता दें कि, सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और नौ अन्य के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से मुआवजे का दावा करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज बनाने की शिकायत दर्ज कराई थी।

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