नई दिल्ली: 'भारत के राष्ट्रपति' की ओर से भेजे गए जी20 रात्रिभोज निमंत्रण पर विवाद के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि, भाजपा घबराई हुई है। केजरीवाल ने पूछा है कि क्या वह भारत का नाम बदल देगी यदि विपक्षी गठबंधन इंडिया अपना नाम फिर से भारत रख ले। दरअसल, कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जी20 रात्रिभोज के लिए भेजे गए निमंत्रण में राष्ट्रपति को इंडिया का नहीं, बल्कि "भारत का राष्ट्रपति" बताया गया है।
केजरीवाल ने कहा कि, 'इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन मैंने अफवाहें सुनी हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? कुछ पार्टियां इंडिया गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आई हैं। अगर इंडिया गठबंधन अपना नाम बदलकर भारत कर लेता है, तो क्या वे भारत का नाम भी बदल देंगे?" केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा. "यह देशद्रोह है।" केजरीवाल ने कहा कि भाजपा विपक्षी गठबंधन (INDIA) से इतनी परेशान थी कि जब पहली बार इसकी घोषणा की गई तो उसने अपने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव से लोगों का ध्यान इससे हटाने की कोशिश की।
DMK नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर अपनी टिप्पणी से पैदा हुए एक और विवाद पर केजरीवाल ने कहा कि लोगों को सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, "मैं सनातन धर्म से हूं। आप में से भी कई लोग सनातन धर्म से हैं। हमें एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए और इसके खिलाफ गलत नहीं बोलना चाहिए।"
बता दें कि, उदयनिधि स्टालिन ने 2 सितंबर को सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से की थी और कहा था कि ऐसी चीजों का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उन्हें नष्ट कर दिया जाना चाहिए और इसीलिए सनातन धर्म को पूरी तरह ख़त्म करना होगा। चेन्नई में तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स एंड आर्टिस्ट एसोसिएशन की बैठक में तमिल में अपने संबोधन में उन्होंने सनातन धर्म को 'सनातनम' कहा।
क्या विपक्षी गठबंधन के कारण बदलेगा देश का नाम:-
बता दें कि, विपक्ष जरूर इसे इंडिया गठबंधन से जोड़कर देख रहा हो। लेकिन औपनिवेशिक काल (ब्रिटिश शासन) की निशानियों को हटाने की प्रक्रिया मोदी सरकार ने तब से शुरू कर रखी है, जब विपक्षी दलों का ये गठबंधन भी नहीं बना था। जैसे जॉर्ज पंचम की प्रतिमा हटाकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा लगाना, भारतीय नौसेना के ध्वज से अंग्रेज़ों का यूनियन जैक हटाकर, छत्रपति शिवाजी का चिन्ह लगाना। इनको देखते हुए हो सकता है कि, सरकार संसद के विशेष सत्र में देश का आधिकारिक नाम भारत करने के लिए भी कदम उठा ले।
दरअसल, 15 अगस्त, 2022 को लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने नागरिकों से पांच प्रतिज्ञा लेने की अपील की थी, जिनमें से एक गुलामी के हर निशान से मुक्ति थी। इसे देश की स्वदेशी पहचान को अपनाने की दिशा में एक प्रतीकात्मक संकेत के रूप में देखा गया। एक महत्वपूर्ण कदम में, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री द्वारा विदेश यात्राओं के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष विमान में "इंडिया" शब्द को "भारत" से बदल दिया गया है। संसद के मानसून सत्र में भाजपा के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने संविधान से 'इंडिया' शब्द को हटाने की मांग करते हुए तर्क दिया था कि यह औपनिवेशिक (ब्रिटिश काल) गुलामी का प्रतीक है। उनकी भावना को साथी भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भी दोहराया, जिन्होंने "इंडिया" को "भारत" से बदलने के लिए संवैधानिक संशोधन का आह्वान किया था। ऐसे में इन अटकलों को बल मिल रहा है कि, देश का नाम आधिकारिक तौर पर भारत किया जा सकता है और इसके लिए सरकार संसद के विशेष सत्र में प्रस्ताव ला सकती है।
इस गणेश चतुर्थी पर देश का आधिकारिक नाम 'INDIA' से बदलकर हो जाएगा 'भारत' ?
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