मनुष्य का जीवन हर पल कुछ न कुछ सीख जरुर देता है सुख और दुःख जीवन के दो पहलु है जो दिन और रात कि तरह होते है, वे आते है चले जाते है इसलिए दुःख के समय अपने आपको इतना कमजोर मत बनाओ कि सुख आने पर भी आपको किसी चीज़ का एहसास ही न हो बल्कि दुःख के समय अपने आपको इतना मजबूत बना लो कि इसके बाद भी अगर दुःख आये तो आप कमजोर न पड़ो, वैसे तो आपको बता दें कि सुख-दुःख प्रकृति कि देन होती है जिसे किसी भी प्रकार से रोका नहीं जा सकता, लेकिन प्रकृति जब भी सुख या दुःख हमें देती है तो वह देने से पहले हमें संकेत दे देती है बस जरुरत है उन्हें समझने कि.
हर व्यक्ति चाहता है कि वह जीवन में हमेशा सफल होते रहे और वह इसके लिए प्रयास भी करता है लेकिन कुछ लोगो के लिए यह प्रयास नाकामयाब साबित हो जाता है और कुछ लोगो के लिये यह प्रयास उन्हें सफलता कि और ले जाता है लेकिन आपको बता दें कि आप सफलता मिलने कि ख़ुशी में कुछ गलती न कर बैठना जिससे आपको भुगतना पड़ सके.
हम किसी भी काम या लक्ष्य को भविष्य के लिए टालते रहते हैं, यहां तक कि हम खुश होने के लिए भी अपने आने वाले समय का इंतजार करने लगते हैं, लेकिन जब अचानक ही आपको आपका वर्तमान अच्छा लगने लगें और आपकी सोच ऐसी हो जाए कि आपका आज सही है तो कल भी सही होगा, तो समझ लीजिए कि प्रकृति आपके लिए बेहतर योजना बना रही है असल में सकारात्मकता हमेशा ही आपके हर काम को सकारात्मक रूपों में ही प्रभावित करती है, इसलिए यह निकट भविष्य में आपके साथ कुछ बहुत अच्छा होने का इशारा है.
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