गोरखपुर: आज का दिन ऐतिहासिक है, जिस मंगल बेला का वर्षो से इंतजार से था वो शुभ घडी आज ही गई है. जिसकी सभी देशवासियों को लम्बे समय से प्रतीक्षा थी. बता दे की आधुनिक भारत में स्थान व जनसभा के आधार पर 1857 एवं आपातकाल के खिलाफ हुए, जन आंदोलन से भी विशाल आंदोलन 'राम जन्मभूमि आंदोलन' रहा है. वही इसका नेतृत्व गोरक्ष पीठाधीश्वर रहे ब्रह्मलीन महान लोकप्रिय अवैद्यनाथ ने किया था.
महंत अवैद्यनाथ यूपी के सीएम और गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के गुरु थे. राम जन्मभूमि आंदोलन ने भारत की दिशा ही परिवर्तित कर दी थी. विविधता और मत बदलाव से युक्त हिंदू समाज के धर्म आचार्यों को महंत अवैद्यनाथ ने एक मंच पर लाया था. सारे धर्माचार्य महंत अवैद्यनाथ को अपना आइडियल मानते थे. समाज में अस्पृश्यता और ऊंच-नीच की भावनाओं के विरुद्ध अवैद्यनाथ ने आंदोलन खड़ा किया था. 21 जुलाई 1984 को जब राम जन्मभूमि यज्ञ कमिटी का गठन किया गया, तो महंत अवैद्यनाथ को इसका अध्यक्ष चयनित किया गया था.
वही महंत अवैद्यनाथ जब तक इस दुनिया में रहे, तब तक इस पद पर बने रहे. उनके नेतृत्व के नाते हिंदुत्व को लेकर पुरे विश्व में चर्चा हुई. इनके नेतृत्व में ही राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन चला था. वर्ष 1984 में आरम्भ हुआ, यह आंदोलन अब एक हद तक अपने नतीजे तक पहुंच गया है. अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पश्चात् मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है. महंत अवैद्यनाथ भले ही आज इस दुनिया में ना हो, किन्तु उनके शिष्य गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की निगरानी में मंदिर का निर्माण आरम्भ हो रहा है. आज वे जहा भी होंगे बेहद प्रसन्न होंगे.
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