सड़क हादसों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेंगे इतने रूपए..! गडकरी ने किया बड़ा ऐलान

सड़क हादसों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेंगे इतने रूपए..! गडकरी ने किया बड़ा ऐलान
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की मदद के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि रोड एक्सीडेंट में घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने वाले 'गुड समैरिटन्स' (अच्छे लोगों) के लिए इनाम राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये की जाएगी। वर्तमान में यह राशि 5,000 रुपये है। यह घोषणा पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान की गई, जहां अभिनेता अनुपम खेर के साथ एक चर्चा सत्र में मंत्री गडकरी ने रोड सेफ्टी से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बात की। 

गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना के बाद पहले एक घंटे को 'गोल्डन ऑवर' कहा जाता है। इस दौरान अगर पीड़ित को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाए, तो उसकी जान बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि इस इनाम राशि को बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य है, अधिक से अधिक लोगों को सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए प्रेरित करना। 2021 में शुरू हुई इस योजना के तहत अभी तक इनाम के साथ-साथ एक प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि इनाम सही व्यक्ति को ही मिले, वेरिफिकेशन का सख्त प्रावधान रखा गया है।  

नितिन गडकरी ने कुछ दिन पहले ही 'कैशलेस ट्रीटमेंट' स्कीम की घोषणा की थी। इसके तहत सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के सात दिनों के इलाज का खर्च, जो 1.5 लाख रुपये तक हो सकता है, सरकार वहन करेगी। इसके लिए शर्त यह है कि दुर्घटना की सूचना 24 घंटे के भीतर पुलिस को देनी होगी। इसके अलावा, हिट-एंड-रन मामलों में मृतक के परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी दी जाएगी। 

गडकरी ने इस बात पर चिंता जताई कि 2024 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.80 लाख लोगों की मौत हुई। इनमें से 30,000 मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं। उन्होंने यह भी बताया कि 18 से 34 वर्ष की आयु के युवा इन दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जो कुल दुर्घटनाओं का 66% हिस्सा हैं। साथ ही, स्कूलों और कॉलेजों के पास अपर्याप्त सुरक्षा उपायों के कारण हर साल 10,000 बच्चों की मौत हो जाती है।  

सरकार की इन पहलों से जहां सड़क सुरक्षा के लिए एक नई दिशा मिल सकती है, वहीं कुछ सवाल भी उठते हैं। क्या इन योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित होगी? कितने 'गुड समैरिटन्स' अब तक इस योजना का लाभ उठा चुके हैं, इसका सार्वजनिक डेटा क्यों नहीं है? साथ ही, यह देखना होगा कि इन प्रोत्साहनों के बावजूद क्या सड़क पर घायल व्यक्तियों की मदद के लिए आम लोगों की भागीदारी बढ़ेगी।  

नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और हर संभव उपाय किए जा रहे हैं ताकि देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कम हो और लोगों की जान बचाई जा सके। आने वाले समय में इन योजनाओं का प्रभाव देखने लायक होगा।

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