दुशान्बे: तालिबान शासित अफगानिस्तान की सीमा से सटे मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान ने 19 जून को देश की संसद के ऊपरी सदन द्वारा एक विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह विधेयक संसद के ऊपरी सदन मजलिसी मिल्ली के 18वें सत्र के दौरान पारित किया गया, जिसकी अध्यक्षता इसके प्रमुख रुस्तम इमोमाली ने की। बता दें कि, इससे पहले एक और इस्लामी मुल्क सऊदी अरब भी परीक्षा केंद्रों में हिजाब/बुर्के पर बैन लगा चुका है, लेकिन भारत में इस्लाम का हवाला देकर स्कूल में हिजाब पहनने की मांग की जा रही है, कई बार इस मांग के दौरान हिंसा भी देखने को मिली है, फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
बड़ी खबर ???? ताजिकिस्तान संसद के ऊपरी सदन ने बच्चों को बकरीद (ईद अल-अधा) और ईद-उल-फितर मनाने पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी।
— Keshav Kumar (@keshav_shashi) June 21, 2024
संसद के दोनों सदनों ने भी स्कूलों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पारित कानून कहता है, "हिजाब और… pic.twitter.com/D5gHsxfFSp
बहरहाल, ताजीकिस्तान में अपने विधेयक में, मजलिसी मिल ने "विदेशी परिधानों" और दो सबसे महत्वपूर्ण इस्लामी त्योहारों - ईद अल-फ़ित्र और ईद अल-अज़हा के लिए बच्चों के उत्सवों पर प्रतिबंध लगा दिया। इन मुस्लिम त्योहारों को ईदगर्दक के नाम से जाना जाता है, जिसके दौरान बच्चे लोगों को बधाई देने के लिए अपनी गलियों में घरों में जाते हैं। 8 मई को देश की संसद के निचले सदन मजलिसी नमोयंदागोन ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी। यह विधेयक पारंपरिक परिधानों, खास तौर पर 'हिजाब', जो कि इस्लामी सिर का दुपट्टा है, पर निशाना साधता है।
यह घटनाक्रम मजलिसी नमोयंदगोन द्वारा प्रशासनिक उल्लंघन संहिता में संशोधन को मंजूरी दिए जाने के बाद हुआ है। नए संशोधनों के अनुसार, कानून का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। हालाँकि, प्रशासनिक उल्लंघन संहिता में पहले हिजाब या अन्य धार्मिक कपड़ों को उल्लंघन के रूप में उल्लेख नहीं किया गया था। रेडियो लिबर्टी की ताजिक सेवा ने बताया कि सांसदों ने अपराधियों के लिए 7,920 सोमोनी से लेकर कानूनी संस्थाओं के लिए 39,500 सोमोनी तक का जुर्माना तय किया है। इसके अलावा, सरकारी अधिकारियों और धार्मिक अधिकारियों पर दोष सिद्ध होने पर क्रमशः 54,000 सोमोनी से लेकर 57,600 सोमोनी तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
बता दें कि ताजिकिस्तान में हिजाब पर आधिकारिक रोक कई सालों के अनौपचारिक प्रतिबंध के बाद आई है। देश ने अनौपचारिक रूप से घनी दाढ़ी पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। 2007 में, शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए इस्लामी परिधान और पश्चिमी शैली की मिनीस्कर्ट दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था और बाद में इस प्रतिबंध को सभी सार्वजनिक संस्थानों तक बढ़ा दिया था। हाल के वर्षों में, ताजिक सरकार ने ताजिक राष्ट्रीय पोशाक पहनने को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है, जैसा कि 2018 में जारी "ताजिकिस्तान में अनुशंसित पोशाकों की गाइडबुक" में बताया गया है। 2017 में, कई मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को सरकार से संदेश मिले, जिसमें महिलाओं से ताजिक राष्ट्रीय पोशाक पहनने का आग्रह किया गया था।
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