धनबाद: माफिया नगरी के रूप में चर्चित धनबाद अक्सर गंभीरतम अपराधों से दहल जाता है, लेकिन इसी जिले में एक ऐसा थाना भी है जहां पिछले तीन वर्ष से न किसी फरियादी ने प्रवेश किया है और न ही वहां कोई मुकदमा दर्ज हुआ है, पिछले तीन वर्ष से वहां तैनात पुलिसकर्मी बस बिना किसी काम तैनात हैं, उनके पास आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान का कोई दबाव नहीं है. इस स्थिति को देखते हुए उस थाने को बंद कर पुलिस बल को धनबाद में समायोजित करने की तैयारी की जा रही है.
यह है कुसुंडा रेल थाना, रविवार को इस थाने को रेल डीएसपी विनोद कुमार महतो ने निरीक्षण किया तो यह बात सामने आई, पता चला कि कुसुंडा स्टेशन पर अवस्थित इस थाने में अंतिम बार वर्ष 2015 में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद से यहां किसी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई. रामराज समान आदर्श स्थापित कर रहा यह थाना धनबाद से महज छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
हालांकि किसी समय यह थाना बहुत संवेदनशील थानों में शुमार था, लेकिन अब यहां की स्थिति बदल चुकी है. यहां विधि व्यवस्था संधारण के लिए चार पुलिसकर्मियों की तैनाती है, इनमें दो एएसआइ और दो कांस्टेबल है. केस नहीं होने के कारण इनके पास कोई काम नहीं है, ऐसी स्थिति को देखते हुए रेल डीएसपी ने वरीय अधिकारियों से इस थाने के बल को क्लोज को धनबाद में समायोजित करने का सुझाव दिया है.
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