पटना: नेपाल के तराई क्षेत्रों में भारी वर्षा से बिहार की कई नदियां उफान पर आ गई हैं। कोसी, बागती, कमला बलान सहित कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सोमवार को वाल्मीकिनगर बराज से पौने 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे गंडक नदी के निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
नदियों के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने सभी अफसरों एवं इंजीनियरों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। सभी तटबंधों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विभाग की टीमें रात्रक्षि गश्ती कर रही हैं। मधुबनी के जयनगर एवं झंझारपुर में कमला बलान, तो सीतामढ़ी में कटौझा एवं सोनाखान में बागमती नदी लाल निशान से ऊपर बह रह रही है। खगड़िया में कोसी एवं बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। कटिहार में महानंदा नदी 4 स्थानों पर उफान पर है। समस्तीपुर के कल्याणपुर में बागमती नदी ने कटाव तेज कर दिया है। पूर्वी चंपारण के सुगौली एवं बंजरिया में बूढ़ी गंडक का पानी निरंतर बढ़ रहा है।
कोसी, सीमांचल एवं पूर्वी बिहार के इलाकों में कई नदियां खतरे के निशान से पार हो गई हैं। इससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का डर सता रहा है। नेपाल में कई स्थानों पर 300 मिलीमीटर से भी अधिक वर्षा हुई है। इससे कमला बलान एवं बागमती नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है। जयनगर एवं झंझारपुर में कमला बलान का जलस्तर डेंजर लेवल से ऊपर पहुंच गया है। भागलपुर जिले के रंगरा प्रखंड में कोसी नदी भीषण कटाव कर रही है। जहांगीरपुर वैसी में कोसी नदी के तेज बहाव में 6 घर बह गए। इससे लोग में खौफ है। वहीं, गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से भागलपुर शहर में भी बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है। सखीचंद घाट पर गंगा पर बना चचरी पुल डूब गया। इससे हजारों व्यक्तियों की आवाजाही प्रभावित हुई है। लोग छोटी नाव का सहारा लेकर नदी पार कर रहे हैं।
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