नई दिल्ली: इंडियन आर्मी के राष्ट्रीय राइफल्स के पहले बटालियन में इंजीनियर कॉर्प्स के सैपर प्रकाश जाधव को दुश्मन का मुकाबला करने के सिवाय असाधारण शौर्य के लिए कीर्ति चक्र से नवाज़ा गया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित किए गए भव्य समारोह में शहीद प्रकाश जाधव की पत्नी रानी प्रकाश जाधव और मां शारदा जाधव ने यह सम्मान प्राप्त किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद प्रकाश जाधव को शांति काल के दूसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार (Gallantry Award) से नवाज़ा। बता दें कि सैपर प्रकाश जाधव जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए थे।
27 नवंबर 2018 को अनंतनाग जिले के रेडबानी बाला गांव में दहशतगर्दों के छिपे होने की सूचना मिलने पर एक घेरबांदी एवं सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व करते हुए सैपर प्रकाश जाधव रक्षा कवच की सहायता से अपने साथियों के साथ सुबह तक़रीबन साढ़े तीन बजे उस घर में घुसे। अंदर छिपे आतंकियों ने तलाशी दल को सीढ़ियों पर चढ़ते देखा तो अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। अपने साथियों की जान के खतरे को भांपते हुए सैपर प्रकाश जाधव ने खुद की जान दांव पर लगा दी। उन्होंने अपने साथी को पीछे धकेल दिया और खुद ने दहशतगर्दों की गोलियों की बौछार के बीच एक आतंकवादी को मार गिराया। इसी दौरान दूसरे आतंकी ने पेट्रोल बम फेंक दिया। तब सैपर जाधव ने अपने साथियों को घर से बाहर निकलने का निर्देश दिया और खुद दूसरे आतंकवादी पर गोलियां बरसाने लगे, लेकिन तब तक सैपर जाधव को भी गोली लग चुकी थी।
जख्मी अवस्था में भी सैपर जाधव ने दूसरे आतंकी पर गोली चलाई और उसके हाथ से हथियार गिरा दिया। इस बीच पेट्रोल बम की आग पूरे घर को चपेट में ले लिया था। आग इतना भीषण रूप ले चुकी थी कि सैपर जाधव बाहर नहीं निकल सके। उन्होंने अपनी जान पर खेलकर, अपने साथियों की जान बचा ली और धधकती आग में बुरी तरह जलकर वीरगति को प्राप्त हो गए। सैपर जाधव ने देश की सेवा में अपना बलिदान देकर और अपनी जान पर साथियों के प्राणों को तरजीह देकर वीरता की वो मिसाल पेश की जो प्रत्येक भारतीय का सीना गर्व से भर देता है।
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