धरती पर जन्म लेने वाले सभी जीवों की मृत्यु निश्चित है, तथा यह एक अटल सत्य है जिसे कोई नकार नहीं सकता। किन्तु अमेरिका में कुछ धनी लोग पुनर्जीवित होने की इच्छा में एक अनोखी तकनीक का सहारा ले रहे हैं। अरबपतियों में से एक, पेपाल के सीईओ पीटर थिएल भी इस सूची में सम्मिलित हैं। यह तकनीक 'क्रायोजेनिक फ्रीजिंग' के नाम से जानी जाती है, जिसमें मृत शरीर को अत्यधिक कम तापमान पर फ्रीज करके भविष्य में फिर से जीवित करने का दावा किया जाता है। किन्तु सवाल ये है कि क्या यह वास्तव में संभव है? क्या भविष्य में विज्ञान इतनी प्रगति करेगा कि मृत शरीर को पुनर्जीवित किया जा सकेगा?
वही यह सेवा 'अल्कोर लाइफ एक्सटेंशन फाउंडेशन' नामक क्रायोनिक्स कंपनी द्वारा प्रदान की जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में इसके 1400 सदस्य हैं तथा अब तक 230 शवों को अत्यधिक कम तापमान पर फ्रीज किया गया है। इस प्रक्रिया की लागत तकरीबन 2,00,000 डॉलर (लगभग 1.7 करोड़ रुपये) है। हालांकि, यह कहना अभी जल्दी होगी कि क्या 'क्रायोजेनिक फ्रीजिंग' भविष्य का चमत्कार साबित होगी या विज्ञान का एक असफल प्रयोग। इस पर नैतिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहस जारी है।
क्रायोजेनिक फ्रीजिंग, जिसे क्रायोनिक्स भी कहा जाता है, एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें शवों को -196 डिग्री सेल्सियस पर प्रिजर्व किया जाता है। इसका उद्देश्य भविष्य में चिकित्सा विज्ञान की प्रगति के साथ इन्हें पुनर्जीवित करना है। इस प्रक्रिया में शवों को लिक्विड नाइट्रोजन में रखा जाता है जिससे बर्फ के क्रिस्टल बनने से रोका जा सके।
हालांकि अधिकांश लोग इसे एक धोखा मानते हैं, कुछ अमीर लोग भविष्य में हजारों वर्ष पश्चात् जीवित होने की उम्मीद में अपने प्रियजनों के शवों को संरक्षित करने के लिए भारी राशि खर्च कर रहे हैं। हाल ही में पीटर थिएल ने एक पॉडकास्ट में इस तकनीक के बारे में अपनी राय साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह कितना सफल होगा, यह तो नहीं पता, किन्तु हमें इसे आजमाने की आवश्यकता है।
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