आज के आधुनिक समय में तंत्र-मन्त्र पर कई व्यक्ति विश्वास नहीं करते है किन्तु कई व्यक्ति ऐसे है जो आज भी अपनी भौतिक इच्छाओं की पूर्ती के लिए तंत्र-मन्त्र का सहारा लेते है. जो व्यक्ति तंत्र-मन्त्र को मानते है और उस पर विश्वाश करते है यदि वह व्यक्ति इन मंदिरों में जाते है तो उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है. आइये जानते है यह मंदिर कौन-कौन से है और किस स्थान पर स्थित है जहाँ तंत्र-मन्त्र को अधिक महत्व दिया जाता है.
काल भैरव मंदिर- यह मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है जो तंत्र क्रियाओं के लिए बहुत प्रसिद्ध है यहाँ कालभैरव की श्याम रंग की प्रतिमा विराजित है. इस मंदिर में सम्पूर्ण देश से तांत्रिक अपनी सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए आते है. और बाबा कालभैरव अपने भक्तों की सभी समस्याओं का अंत करते है.
एकलिंग मंदिर- यह मंदिर राजस्थान राज्य के उदयपुर शहर में स्थित है जो भगवान् शिव का प्रसिद्द मंदिर है इस मंदिर में भगवान् शिव की आकर्षक चौमुखी प्रतिमा है जो काले रंग के संगमरमर से निर्मित है. इस मंदिर में वह व्यक्ति भी आते है जो तंत्र साधना में विश्वास रखते है यहाँ आने वाले भक्तो की सभी कामना भगवान् शिव पूर्ण करते है.
कालीघाट मंदिर- तंत्र क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध माना जाने वाला कालीघाट मंदिर बंगाल के कोलकाता में स्थित है. इस मंदिर के विषय में कहा जाता है की सती दाह के समय माता सती की ऊँगली इस स्थान पर गिरी थी. यह मंदिर तांत्रिक और अघोरियों के लिए बहुत प्रसिद्द है यहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए आते है.
माता कामख्या मंदिर- यह मंदिर असम राज्य में स्थित एक प्रसिद्द शक्ति पीठ है कहा जाता है की इस मंदिर तक जाने का रास्ता बहुत कठिन है. माता कामख्या के इस मंदिर की मान्यता है की यहाँ पर माता सती कि योनी का भाग गिरा था. हमारे पुराणों में भी इस मंदिर को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह मंदिर तांत्रिक क्रियाओं का गढ़ भी कहा जाता है जहाँ भक्त तंत्र-मन्त्र के माध्यम से अपनी समस्याओं को दूर करने आते है.
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