ड्रैगन का नाम सुनते ही व्यक्ति के मन में चीन की याद आ जाती है, क्योंकि चीन में ड्रैगन को बहुत पवित्र माना जाता है. आपने अधिकतर चीनी फिल्मों में भी देखा होगा, की बहुत सी फ़िल्में ड्रैगन पर आधारित होती है, व कई फिल्मों में इसे देवता के रूप से जोड़ा जाता है. इन्ही फिल्मों के आधार पर हम ड्रैगनकी कल्पना करते है, क्योंकि आज तक शायद ही किसी ने ड्रैगन के दर्शन किये होंगें.
ड्रैगन के विषय में लोगों की धारणा भिन्न-भिन्न है, कुछ लोग केवल इसे एक कल्पना ही मानते है. लेकिन कुछ का मानना है, की वास्तव में ड्रैगन का अस्तित्व था, जो एक विशालकाय प्राणी था, और अपने मुख से आग उगलता था. चीनी सभ्यता में ड्रैगन को बहुत पवित्र व दैवीय माना जाता है, और इसकी पूजा की जाती है.
ड्रैगन के विषय में कहा जाता है, की सदियों पूर्व पृथ्वी पर ड्रैगन मौजूद थे. आज भी आप देखेंगे की चीन व थाईलैंड में ड्रैगन के बहुत से मंदिर विद्यमान है, जो इन देशों की संस्कृति को दर्शाते है. लेकिन क्या आप जानते है, की भारत में भी ड्रैगन का एक मंदिर स्थित है, बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी लेकिन यह सत्य है.
भारत के मणिपुर राज्य में पांखगबा के पास एक मंदिर है, जिसमे एक दिव्य से प्रतीत होने वाले प्राणी की मूर्ती है, जिसे लोग देवता की भाँती पूजते है. यह प्राणी ड्रैगन के समान ही प्रतीत होता है. इसी प्रकार थाईलैंड की राजधानी बैंकोक से 40 किलोमीटर की दूरी पर भी एक मंदिर स्थापित है, जिसकी बाहरी बनावट ड्रैगन की ही भाँती प्रतीत होती है, इस मंदिर के भीतर भगवान बुद्ध की प्रतिमा विराजमान है.
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