गरबा पांडालों में प्रवेश को लेकर इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगे आयोजक

गरबा पांडालों में प्रवेश को लेकर इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगे आयोजक
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इंदौर/ब्यूरो। अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को गरबा पंडालों से दूर रखने के माहौल के बीच शहर के प्रमुख 16 गरबा संचालकों ने एक बैठक में गरबा आयोजनों में पवित्रता, पारंपरिकता, अश्लीलता को कतई बर्दाश्त नहीं करने और महिला प्रतिभागियों की सुरक्षा और सम्मान को हर हालत में सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।

स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. द्वारा आयोजित परिसंवाद ‘शक्ति-भक्ति-सख्ती’ में पहली बार शहर के प्रमुख 16 गरबा मंडलों के संचालक एक मंच पर साथ आये। आयोजन में इस बात पर मंथन किया गया कि बदलते समय के अनुरुप शहर के बहुत विस्तारित हो चुके गरबा महोत्सवों में क्या नवाचार जरूरी है और किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। 

बैठक में अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा उपाध्यक्ष एकलव्य सिंह गौड़ ने कहा कि नवदुर्गा शौर्य का प्रतीक हैं तथा यह सन्देश भी गरबोत्सव के आयोजन के माध्यम से जाना चाहिए। श्री गौड़ ने कहा कि सनातन संस्कृति के युवाओं को शस्त्र प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए और इसका प्रदर्शन भी गरबा पांडालों में होना चाहिए। समाजसेविका माला सिंह ठाकुर ने कहा कि गरबोत्सव में उन्हीं को प्रवेश दिया जाना चाहिए जिनकी माता रानी में आस्था है। उन्होंने बताया कि सबल नारी, सशक्त समाज उद्घोष के साथ गरबा पांडाल में आने वाली महिलाओं को शहर में अभ्यास शिविर के माध्यम से आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा अभी तक हज़ारों युवतियों को अपनी रक्षा स्वयं करने के मंत्र दिए गए हैं।

 हिन्द रक्षक गरबा महोत्सव के लोकेन्द्र सिंह राठौर ने कहा कि उनके गरबा मंडल में पूरे नौ दिन शहर के अलग – अलग अखाड़े शस्त्रों सहित अपना प्रदर्शन करेंगे। पिछले दिनों प्रदेश की संस्कृति और धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने साफ़ शब्दों में कहा था कि गरबा पंडालों में मुस्लिम समाज के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उनका कहना था कि जो समाज मूर्ति पूजा में विशवास नहीं करता उसे नवदुर्गा पूजन पांडाल में आने की कोई जरूरत नहीं। संचालकों ने कहा कि गरबा पांडाल में अकेले युवकों को प्रवेश देने से परहेज करेंगे और शंका होने पर आधार कार्ड की जांच भी की जाएगी। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से दर्शकों की गतिविधियों पर सख्ती से नज़र रखी जाएगी।

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