नवरात्रि में 9 दिन माता की पूजा अर्चना की जाती है. प्रत्येक वर्ष चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri ) चैत्र शुक्ल के प्रतिपदा के दिन से आरम्भ होती है. इस वर्ष 9 अप्रैल बुधवार को चैत्र नवरात्रि आरम्भ हो गई है. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। ये नौ स्वरूप मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री हैं। वही इस बार नवरात्रि पर खरमास का साया रहेगा। दरअसल, 9 अप्रैल को भी खरमास रहेगा तथा सूर्य के राशि परिवर्तन के बाद 13 अप्रैल तक खरमास रहेंगे। आपको बता दें कि खरमास में किसी भी शुभ कार्य की मनाही होती है, इसलिए शुभ मुहूर्तों विशेषकर शुभ कार्य आरम्भ करने के लिए समय ठीक नहीं है। 14 अप्रैल को जब सूर्य राशि परिवर्तन करेंगे, तब से खरमास समाप्त हो जाएंगे तथा शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं। किन्तु इसके बाद भी नवरात्रि में कई शुभ संयोग बन रहे हैं, किन्तु मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि नहीं होंगे।
कब खत्म होंगे खरमास
इस बार 14 मार्च से खरमास आरम्भ हो गई है। इसका समापन 13 अप्रैल को होगा। इस दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ खरमास की अवधि समाप्त होगी। चैती नवरात्र के चलते चैती नवरात्र के आरंभ से लेकर 13 अप्रैल तक खरमास होगा। इस के चलते मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
चैती नवरात्रि के दौरान पर्व त्योहार
नौ अप्रैल शारदीय नवरात्र दुर्गा पूजा आरंभ, कलश स्थापना
12 अप्रैल चैती छठ की नहाय खाय अनुष्ठान
13 अप्रैल खरना, सतुआन
14 अप्रैल सायंकालीन अर्घ्य
15 अप्रैल प्रात:कालीन अर्घ्य
17 अप्रैल महानवमी, रामनवमी, कन्यापूजन,
18 अप्रैल देवी विसर्जन, रामनवमी व्रत पारणं
13 अप्रैल को होगा खरमास की समाप्ति
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