ग्वालियर/ब्यूरो। आत्म साधना और त्याग से जुड़ा एक ऐसा अनूठा पर्व पर्युषण महापर्व जिसे संपूर्ण जैन समाज महाकुंभ पर्व के रूप में मनाता है। संपूर्ण संसार में यही एक ऐसा तपस्या का पर्व है जिसमें आत्मरत होकर व्यक्ति आत्मार्थी बनता है । यह विचार पर्यूषण पर्व के दौरान शनिवार को श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज ने माधवगंज स्थित चातुर्मास स्थल आशियाना भवन में 10 दिवसीय व्रतधारियों के महापारणा एवं दीक्षार्थी की गोद भराई कार्यक्रम में संबोधित करते हुए की।
मुनिश्री के सानिध्य में तपस्वी व्रतियों का कराया महापारणाः जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि पर्यूषण पर्व के दौरान 10 दिनों तक निर्जला व्रत, तेला एवं बेला रखने वाले महिला, पुरुष, बालिका आदि श्रावक श्राविकाओं तपस्वियों का मुनिश्री विनय सागर महाराज के सानिध्य में उनके परिवार व रिश्तेदारों ने मिष्ठान खिलाकर व्रत खुलवाकर महापारणा कराया। जैन समाज में मान्यता है कि उपवास करने वाले व्रतधारियों और तपस्वियों का पारणा कराने से भी पुण्य मिलता है।
भिंड निवासी ब्रह्मचारी विशाल भैय्याजी छह नबंबर को रायपुर में आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज से जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण करेंगे। नव दीक्षार्थी ब्रह्मचारी विशाल भैया ने मुनिश्री विनय सागर महाराज के चरणों मे श्रीफल भेंटकर मंगल आशीर्वाद लिया। चातुर्मास समिति व जैन समाज के लोगों ने दीक्षार्थी विशाल भैय्याजी की नारियल, मखाने, किशमिश, बादाम, काजू, फल, मिठाई आदि से गोद भराई की।
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