भारत के तमिल नाडु राज्य के मदुरै में एक महिला ने कभी शादी न करने का फैसला लिया है, लेकिन इस फैसले के पीछे जो वजह है, वो बेहद हैरान करने वाली है. 48 वर्षीय सेल्वरानी ने बचपन से ही एक सपना पाल रखा था कि वे एक सांड को पलेंगी ताकि वे पारम्परिक जल्लिकट्टु खेल में हिस्सा ले सके. सेल्वरानी के परिवार की यह एक पारिवारिक परंपरा है, इसीलिए सेल्वरानी ने भी शादी न करने और सांड पालने का फैसला लिया था.
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सेल्वरानी बताती हैं कि "मेरे दोनों भाइयों के पास सांड पालने का समय नहीं था, परिवार में सांडों को पुरुष ही पालते हैं, लेकिन उन्हें चारा देना, उनकी जगह साफ़ करना ये काम महिलाऐं ही करती है, लेकिन मेरे भाइयों के पास समय न होने के कारण, मैंने ये कार्य उनसे मांग लिया और सांड की देखभाल करने लगी."
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अपने पुराने दिनों को याद करते हुए वे बताती हैं कि "मैं अपना परिवार और अपने जुनून यानी सांड पालने के बीच में खुद को बांटना नहीं चाहती थी. सो मैंने दूसरे विकल्प को चुना. मैं चाहती थी कि हमारे परिवार की परंपरा आगे बढ़े." अपने सांड के बारे में बताते हुए वे कहती हैं कि मेरा परिवार बस मेरा ये सांड है. ये बड़े शरीर वाला है और मैदान में उतरने पर एक गुस्सैल जानवर बन जाता है लेकिन ये बहुत प्यारा है."
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