पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार की 'समाधान यात्रा' को 'लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास' बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसे समारोहों में 'पसंदीदा मंत्रियों एवं नौकरशाहों' की बैठकों की अध्यक्षता करने से लोगों की परेशानियों का समाधान नहीं होगा। गोपालगंज जिले के बरौली में मीडियाकर्मियों के साथ चर्चा करते हुए, किशोर ने शुक्रवार को दावा किया कि जद (यू) नेता ने पहले भी कई यात्राएं की हैं, किन्तु इससे प्रदेश में बेहतरी के लिए कुछ भी नहीं बदला।
उन्होंने कहा, "यह समाधान यात्रा उनकी (मुख्यमंत्री) 14वीं यात्रा है, लेकिन प्रदेश में कुछ भी नहीं बदला है। यह यात्रा केवल लोगों को बेवकूफ बनाने का प्रयास है। यात्रा के चलते अपने पसंदीदा मंत्रियों एवं नौकरशाहों के साथ बैठक करने से लोगों की परेशानियां हल नहीं होंगी।" जद (यू) की 'समाधान यात्रा' का उद्देश्य प्रदेश में चल रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों एवं लंबित कार्यों की स्थिति का आकलन करना है। प्रशांत किशोर ने कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में सम्मिलित नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की।
प्रशांत किशोर ने कहा- "अन्य सियासी दलों के नेता देश के विभिन्न भागों में कांग्रेस यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं, मगर कुमार ने भाग लेने से मना कर दिया। इस तथ्य के बावजूद कि कांग्रेस बिहार में 'महागठबंधन' सरकार में हिस्सेदार है, कुमार ने हिस्सा नहीं लिया। इससे साफ हो गया विपक्षी एकता की उनकी बात एक तमाशा है।" नीतीश कुमार की समाधान यात्रा 7 फरवरी तक चलेगी। इसका प्रथम चरण 29 जनवरी तक चलेगा, इसमें 18 जिलों को कवर किया जाएगा। यात्रा का आरम्भ पश्चिमी चंपारण से 5 जनवरी को हो गया है। यात्रा के चलते नीतीश सिर्फ जिले के अफसरों के साथ आंतरिक बैठक करेंगे तथा विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे।
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