नई दिल्लीः विश्व की सबसे पुरानी ट्रेवल कंपनी के तौर पर जाने जानी वाली थॉमस कूक दिवालिया हो चुकी है। फंड की कमी से जूझ रही इस कंपनी ने कारोबार बंद कर दिया है। कंपन को सरकार एवं निजी क्षेत्र से कोई बेलआउट पैकेज नहीं मिला जिसके कारण उसने यह फैसला लिया। 178 साल पुरानी ब्रिटेन की इस ट्रेवल कंपनी के दिवालिया होने का प्रभाव थॉमस कूक इंडिया पर नहीं पड़ेगा। थॉमस कुक के दिवालिया होने का प्रभाव भारत पर इसलिए नहीं पड़ेगा, क्योंकि थॉमस कूक इंडिया (Thomas Cook India) ग्रुप पूरी तरह एक अलग एंटिटी है। साल 2012 में थॉमस कूक इंडिया में फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स ने हिस्सेदारी ली थी।
बाद में थॉमस कूक इंडिया का स्वामित्व फेयरफैक्स के पास चला गया। फेयरफैक्स एक कनाडा बेस्ड मल्टिनेशनल इन्वेस्टमेंट कंपनी है। थॉमस कूक इंडिया ने भी अपने एक बयान में कहा है कि साल 2012 में फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स द्वारा थॉमस कूक इंडिया लिमिटेड (TCIL) में 77 फीसद शेयर खरीदने के बाद वह पिछले सात सालों से एक इनडिपेंडेंट एंटिटी के रूप में लगातार सफलतापूर्वक विकास कर रही है। थॉमस कूक इंडिया ने पिछले सप्ताह शनिवार को साफ-साफ कह दिया था कि वह ब्रिटेन बेस्ड थॉमस कूक पीएलसी से संबंध नहीं रखती है। साथ ही कंपनी ने जोर देकर कहा था कि थॉमस कूक इंडिया एक अलग स्वतंत्र एंटिटी है। कंपनी के दिवालिया होने के बाद बड़ी संख्या मेैं रोजगार प्रभावित होने की आशंका है।