नई दिल्ली : हाल ही में पाकिस्तान में 'अज्ञात बंदूकधारियों' द्वारा आतंकवादियों की हत्या पर टिप्पणी करते हुए, विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को कहा कि जो लोग भारतीय अधिकारियों द्वारा वांटेड हैं, उन्हें यहां आना चाहिए और "कानूनी व्यवस्था का सामना करना चाहिए"। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, "जो लोग भारत में आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों के लिए न्याय का सामना करना चाहते हैं, हम चाहेंगे कि वे भारत आएं और हमारी कानूनी प्रणाली का सामना करें, लेकिन मैं पाकिस्तान में हो रहे विकास पर टिप्पणी नहीं कर सकता।"
विशेष रूप से, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादी हंजला अदनान, जिन्होंने 2015 में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के काफिले पर हमले का मास्टरमाइंड किया था, को हाल ही में पाकिस्तान के कराची में अज्ञात बंदूकधारियों ने मार डाला था। हंजला अदनान को 2 और 3 दिसंबर की दरमियानी रात को उसके घर के बाहर गोली मार दी गई थी। 13 दिसंबर या उससे पहले संसद पर हमले की खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हमेशा खतरों को गंभीरता से लेता है। हालाँकि, विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे "ऐसी धमकियाँ देने वाले चरमपंथियों को बढ़ावा देना या उन्हें श्रेय देना" नहीं चाहते थे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने यह मामला अमेरिकी और कनाडाई अधिकारियों के समक्ष उठाया है।
विदेशी धरती पर मारे जा रहे भारत विरोधी आतंकी :-
बता दें कि, बीते कुछ महीनों में विदेशी सरजमीं पर भारत विरोधी, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर, अवतार सिंह खांडा, परमजीत पंजवार, रिपुदमन सिंह मलिक, हरविंदर रिंडा, सुखदूल सिंह, हैप्पी संघेड़ा को अज्ञात हमलावरों द्वारा ढेर कर दिया गया है। वहीं, इस्लामी आतंकियों में अबू कासिम, जहूर मिस्त्री, अब्दुल सलाम भुट्टावी, सैयद नूर, एजाज अहमद, खालिद रजा, बशीर अहमद, शाहिद लतीफ, मुफ्ती कैसर फारूक, जियाउर रहमान, मलिक दाऊद, सुक्खा दुनिके, ख्वाजा शाहिद, मौलाना तारिक रहीम उल्लाह तारिक भी अज्ञात हमलावरों के हाथों मौत के घाट उतारे जा चुके हैं।
दरअसल, इस समय भारत के बढ़े हुए कद ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है और विदेशी शक्तियां इसकी प्रगति में बाधा डालने का प्रयास कर रही हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के प्रति भारत की मजबूत प्रतिक्रिया, खतरों को खत्म करने के लिए देश के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। कड़ी निंदा करने से जैसे को तैसा की प्रतिक्रिया देने की ओर बदलाव भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति में एक नए युग का प्रतीक है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख का उदाहरण, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल प्रमुख हस्तियों का सफाया है, जो अपने हितों की रक्षा के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आतंकवादियों के खिलाफ रहस्यमय कार्रवाइयां, अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारियों के साथ मिलकर, प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ भारत के विकसित दृष्टिकोण को रेखांकित करती हैं। एक दौर था जब भारत, पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा कश्मीर में किए जा रहे हमलों की कड़ी निंदा करता था, अंतर्राष्ट्रीय ताकतों से पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने के लिए कहता था। अब पाकिस्तान खुद अपने आप को आतंक पीड़ित बताकर दुनिया के सामने रो रहा है और आरोप लगा रहा है कि भारत उसकी जमीन पर लोगों को मार रहा है, हालाँकि, उसके पास इसका कोई सबूत नहीं है।
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