नई दिल्ली: पाकिस्तान के रूप में मुस्लिमों के लिए अलग मुल्क की वकालत करने वाले शायर अल्लमा मुहम्मद इकबाल को दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के सिलेबस से हटाने का काम आरम्भ हो चुका है। इस संबंध में DU के एकेडमिक काउंसिल ने शुक्रवार (26 मई) को एक प्रस्ताव पास किया। काउंसिल का कहना है कि पाठ्यक्रम में नेशनल हीरो के बारे में पढ़ाया जाएगा।
DU के वाइस चांसलर दिनेश सिंह ने बताया है कि भारत को तोड़ने की बुनियाद रखने वालों को सिलेबस में नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि, 'इकबाल ने मुस्लिम लीग और पाकिस्तान आंदोलन के समर्थन में तराने लिखे थे। भारत के बंटवारे और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले मुहम्मद इकबाल ने ही दिया था। ऐसे लोगों को पढ़ाने की जगह हमें अपने राष्ट्रीय नायकों के संबंध में पढ़ाना चाहिए।' DU के अधिकारियों का कहना है कि इकबाल से जुड़े BA के 6वें सेमेस्टर के मॉडर्न इंडियन पॉलिटिकल थॉट्स नाम का चैप्टर से इकबाल हटाने के लिए विश्विद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल को जानकारी दी जाएगी। काउंसिल की 9 जून 2023 को मीटिंग होने वाली है और वही इसका आखिरी फैसला लेगी।
DU की 1014वीं एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में यह प्रस्ताव पारित किया गया। सिलेबस में कुल 11 चैप्टर हैं। इनमें राजा राममोहन राय, रमाबाई, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गाँधी, भीमराव अम्बेडकर जैसे शख्सियतों के विचार से संबंधित चैप्टर हैं। इनमें इकबाल का भी एक चैप्टर है। इसमें सावित्रीबाई फुले का चैप्टर जोड़ने को कहा गया है।
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