E-Wallet फ्रॉड में डूब चुके है पैसे तो, मिल जाएगा रिफंड

E-Wallet फ्रॉड में डूब चुके है पैसे तो, मिल जाएगा रिफंड
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डिजिटल वॉलेट शहरी क्षेत्र के लोगों और युवाओं में खूब लोकप्रिय हो रहे हैं। आसान ट्रांजेक्शन और कैशबैक ऑफर्स इसकी प्रमुख वजह है। बीते कुछ सालों से कई डिजिटल वॉलेट्स मार्केट में आए हैं और कुछ अभी और आने हैं। डिजिटल वॉलेट्स के तहत कोई भी सिर्फ कुछ सेकंड्स में अपने बिलों का भुगतान कर सकते हैं, पैसे का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं और टिकट बुक कराने सहित कई काम कर सकते हैं।

इस सबके बावजूद डिजिटल वॉलेट्स में धोखाधड़ी की खूब घटनाएं सामने आती हैं। इन धोखाधड़ी के मामलों में लोग हजारों रुपये चंद सेकंड्स में गंवा देते हैं। इस तरह के फ्रॉड को लेकर ग्राहक को जागरूक रहना चाहिए और अपनी निजी बैंकिंग जानकारी कभी भी किसी को नहीं बतानी चाहिए। अगर कोई उपभोक्ता ई-वॉलेट फ्रॉड का शिकार हो जाता है, तो यह जरूर पता होना चाहिए कि उसके पास क्या-क्या अधिकार हैं। जानकारी के लिए बता दें कि जनवरी 2019 में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सभी मोबाइल वॉलेट उपयोगकर्ताओं के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्डधारकों की तरह ही समान सुरक्षा प्रदान करवाना अनिवार्य किया है। आरबीआई ने डिजिटल वॉलेट कंपनियों से 24*7 कस्टमर केयर हेल्पलाइन्स की स्थापना के लिए भी कहा है, जहां लोग अपने साथ हुए फ्रॉड की शिकायत कर सकें।

आरबीआइ द्वारा यह भी प्रावधान लाया गया है कि यदि शिकायत तीन दिन के भीतर आ जाती है, तो पूरी राशि रिफंड की जाएगी। अगर फ्रॉड की रिपोर्ट चार से सात दिनों के बीच होती है, तो ट्रांजेक्शन की राशि या 10,000 रुपये, जो भी कम हो, रिफंड किया जाएगा। वहीं, अगर फ्रॉड की रिपोर्ट सात दिन के बाद दी जाती है, तो रिफंड ई वॉलेट कंपनी की आरबीआई द्वारा अप्रूव्ड पॉलिसी के अनुसार रिफंड दिया जाएगा। फिलहाल , ग्राहक को यहां एक और बात का ध्यान रखना चाहिए। गाइडलाइन्स के मुताबिक , एक ग्राहक अनधिकृत लेनदेन का स्वयं उत्तरदायी होगा, अगर यह उसकी स्वयं की गलती से हुआ हो।

फ्रॉड से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

1. अपना पिन, सीवीवी और ओटीपी नंबर तब तक कहीं नहीं डालें, तब तक कि आप यह सुनिश्चित न कर लें कि वह सुरक्षित पेमेंट गेटवे प्लेफॉर्म हो।

2. कभी भी पब्लिक वाई-फाई का उपयोग कर ई-वालेट से लेनदेन ना करें।

3. लेनदेन के लिए या बैंकिंग जानकारी जुटाने के लिए हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर ही जाएं।

4. किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन करते समय यह सुनिश्चित करें कि आपका कनेक्शन सुरक्षित हो। यह सुनिश्चित करें कि यूआरएल  https:// या फिर http:// से शुरू हुआ हो।

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