श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad on 370) ने रविवार (6 अगस्त) को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोध करने वालों को केंद्र शासित प्रदेश के इतिहास और भूगोल के बारे में जानकारी नहीं है। आजाद का यह बयान अनुच्छेद 370 के तहत गारंटीकृत पूर्ववर्ती राज्य की विशेष स्थिति को खत्म करने के 5 अगस्त 2019 के सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच आया है। जहाँ, आज़ाद के ही पुराने साथी, यानी कांग्रेस में 40 साल बिताने वाले, और केंद्रीय मंत्री रह चुके वकील कपिल सिब्बल, 370 को फिर से लागू करवाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में यह भी माना जा सकता है कि, आज़ाद का निशाना सिब्बल भी थे।
जम्मू-कश्मीर के डोडा में एक इंटरव्यू के दौरान, आज़ाद (Ghulam Nabi Azad on 370) ने क्षेत्रीय दलों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किए बिना अप्रत्यक्ष रूप से उनकी आलोचना की। आज़ाद ने कहा कि, जो लोग सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को रद्द करने का विरोध कर रहे हैं, वे "जमीनी स्थिति के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनभिज्ञ हैं।' रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व कांग्रेस नेता(Ghulam Nabi Azad on 370) ने कहा कि, "अनुच्छेद 370 किसी विशेष क्षेत्र, प्रांत या धर्म के लिए नहीं था, बल्कि सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद था।" पूर्व कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि उनका मानना है कि कोर्ट अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सभी पहलुओं की गहनता से जांच करेगा।
बता दें कि, इससे पहले एक आधिकारिक विज्ञप्ति में, भाजपा ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि आई है। वहीं, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने की चौथी वर्षगांठ पर, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख, महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें, पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ, "हाउस अरेस्ट" के तहत रखा गया था।
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