लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विपक्षी नेताओं पर तीखा हमला किया और उन पर अपनी चुनावी हार का दोष इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर मढ़ने का प्रयास करने का आरोप लगाया। मीडिया को संबोधित करते हुए, सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि, "जो लोग आज EVM को दोष दे रहे हैं, वे वही लोग हैं जो मतपत्र लूटते थे।"
उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और इंडिया ब्लॉक के अन्य सदस्यों पर निशाना साधते हुए उन पर चुनावों के दौरान ऐतिहासिक रूप से धोखाधड़ी का सहारा लेने का आरोप लगाया। सीएम योगी ने कहा कि, "जब भी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी या INDI गठबंधन से जुड़ी कोई अन्य पार्टी चुनाव हार रही होती है, तो वे हार का ठीकरा EVM पर फोड़ने की पूरी कोशिश करते हैं। यह पहली बार नहीं है, हम 2014 से लगातार यह सुन रहे हैं।"
इसके अलावा विपक्ष पर कड़ा प्रहार करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उन्हें जवाब देना चाहिए कि हाल के दिनों में विपक्षी दलों को जो जीत मिली है, वह बैलेट पेपर से मिली या ईवीएम से वोटिंग के जरिए मिली है। उन्होंने EVM पर संदेह करने के लिए विपक्ष की आलोचना की और उन पर देश को "गुमराह" करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। सीएम योगी ने कहा कि हम इन लोगों से पूछना चाहते हैं कि पिछले साल हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी थी, क्या वह बैलेट पेपर के आधार पर बनी थी? 2009 में केंद्र में कांग्रेस सरकार बनी थी, क्या वह बैलेट पेपर से बनी थी? 2004 में देश में कांग्रेस की सरकार बनी और 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनी, क्या ये बैलेट पेपर से बनी थी?''
सीएम योगी ने आगे कहा कि, ''इन सब बातों से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस देश को गुमराह करने की कोशिश कर रही है और उनके सहयोगी दल के लोग भी देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वे अपनी हार का ठीकरा EVM पर फोड़ना चाहते हैं, मैंने जो भी नाम लिए, ये सभी सरकारें ईवीएम से बनी हैं। स्वस्थ लोकतंत्र में, प्रत्येक मतदाता को अपना वोट डालने का अधिकार है।" विपक्ष पर हमला बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि जो लोग आज EVM को दोष दे रहे हैं, ये वही लोग हैं जो मतपत्र चुराते थे।
सीएम योगी ने कहा कि, "जब भारत के चुनाव आयोग ने प्रौद्योगिकी का उपयोग करके चुनावों की अधिसूचना सुनिश्चित कर ली है, तो वे EVM पर अपना गुस्सा निकालने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास कर रहे हैं।" बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को VVPAT (वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) के माध्यम से उत्पन्न पेपर पर्चियों के साथ EVM पर डाले गए वोटों के 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
शीर्ष अदालत ने एक बड़े फैसले में 26 अप्रैल को बैलेट पेपर से मतदान पर लौटने की याचिकाकर्ताओं की याचिका को भी खारिज कर दिया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, EVM में कोई गड़बड़ नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की दो न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया है।
काम नहीं आई कपिल सिब्बल की दलीलें ! जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को जमानत देने से कोर्ट ने किया इंकार
तमिलनाडु के वक़्फ़ एक्ट को मद्रास हाई कोर्ट ने घोषित किया असंवैधानिक, DMK सरकार को लगा बड़ा झटका