डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचार

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचार
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1- दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नही करता.

 

2- धर्म भय पर विजय है; असफलता और मौत का मारक है.

 

3- पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों  के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं.

 

4- कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है. कला तभी संभव है जब स्वर्ग धरती को छुए.

 

5- लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है.

 

6- एक साहित्यिक प्रतिभा , कहा जाता है कि हर एक की तरह दिखती है, लेकिन उस जैसा कोई नहीं दिखता.

 

7- हमें मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए जहाँ से अनुशाशन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो.

 

8- किताब पढना हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची ख़ुशी देता है.

 

9- कवी के धर्म में किसी निश्चित सिद्धांत के लिए कोई जगह नहीं है.

 

10- कहते हैं कि धर्म के बिना इंसान लगाम के बिना घोड़े की तरह है.

 

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