भोपाल: मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में आयोजित "रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव" ने राज्य के औद्योगिक विकास में नया आयाम जोड़ा। “नए क्षितिज-नई संभावनाएं” थीम पर आधारित इस छठे रीजनल कॉन्क्लेव का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। इस दौरान राज्य को 31,800 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नर्मदापुरम में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) का सर्व-सुविधायुक्त कार्यालय स्थापित किया जाएगा, जो क्षेत्रीय उद्योगों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री यादव ने अपने संबोधन में कहा कि अगले पांच सालों में राज्य सरकार का बजट दोगुना करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि आईटी, पर्यटन, खनन और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में विस्तार के साथ-साथ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोलर पंप लगाने जैसी योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के 52 निजी विश्वविद्यालयों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये शिक्षा और उद्योग के बीच समन्वय स्थापित करने में मदद कर रहे हैं, जिससे प्रदेश का हर क्षेत्र विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस कॉन्क्लेव में एमएसएमई प्रोत्साहन योजना के तहत 1200 से अधिक उद्यमियों को 367 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता सिंगल-क्लिक के माध्यम से प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने 2585 करोड़ रुपये के निवेश से जुड़ी 82 औद्योगिक इकाइयों का वर्चुअल भूमि-पूजन और लोकार्पण भी किया। इनसे लगभग 5800 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, 163 एकड़ भूमि पर 98 नई औद्योगिक इकाइयों के लिए 911 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिससे 4000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा, पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों से जुड़ी 70,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं किसानों और आम जनता के लिए जीवनदायी साबित होंगी। इसी तरह, "केन-बेतवा लिंक परियोजना" भी जल्द शुरू होगी, जिससे बुंदेलखंड क्षेत्र के 30 जिलों को लाभ मिलेगा। उन्होंने इस परियोजना के भूमि-पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग और फिक्की के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे राज्य की पर्यटन संभावनाओं को देश-विदेश तक पहुंचाने का रास्ता खुला।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में औद्योगिक विकास, युवाओं, महिलाओं और किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में कई बड़े फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री ने इसे न केवल औद्योगिक विकास का मंच बताया, बल्कि इसे राज्य सरकार की पारदर्शिता और समयबद्धता की प्रतिबद्धता का प्रमाण भी कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। मध्यप्रदेश देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है। उन्होंने उद्योग समूहों और निवेशकों से इस विकास यात्रा का हिस्सा बनने का आह्वान किया।