बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर में एक ऐसे समारोह के आयोजन किया जा रहा है, जो देश के किसी भी प्रदेश में पहले कभी नहीं हुआ। यहां से दूसरे प्रदेशों एवं विदेशों में ब्याही गईं बेटियां अपने पीहर एक विशेष समारोह में भाग लेने लौटीं। पचपदरा में होने वाले इस आयोजन को 'बाबुल की गलियां' नाम दिया गया है। 3 दिन चलने वाले इस समारोह को बेटियां जमकर एंजॉय कर रही है। बृहस्पतिवार को समारोह की शुरुआत महेंदी प्रतियोगिता के साथ हुई।
पचपदरा गांव की रहने वाली भावना जैन एवं ममता तलेसरा इचलकरंजी और मुंबई में अपने परिवार के साथ रहती हैं। दोनों को बाबुल की गलियां समारोह करने के आइडिया आया। इसके लिए इन्होंने देश एवं विदेश में ब्याही पचपदरा की बेटियों के नंबर पहले कलेक्ट किए। तत्पश्चात, व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और इतने बड़े समारोह के लिए तैयार किया। अब देश और विदेश में रहने वाली बेटियां इस समारोह में भाग ले रही हैं।
वही यह पहला अवसर है जब 1 हजार से ज्यादा बेटियां पीहर पहुंची। जब एक साथ एक हजार बेटियों की शोभायात्रा निकाली गई तो हर कोई देखता रह गया। इस समारोह के तहत जैन तीर्थ नाकोड़ा में विशाल भक्ति संध्या का आयोजन भी किया गया। बेटियों ने जैनाचार्य का विशाल स्वागत अभिनंदन किया। समारोह में उन बेटियों ने भी हिस्सा लिया जो बुजुर्ग हो चुकी हैं। सभी बेटियों से पंजीकरण के साथ 1100-1100 रुपये फीस ली गई थी। जब पचपदरा के लोगों को इस आयोजन का पता लगा तो अलग-अलग व्यक्तियों ने आयोजन का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ले ली। ऐसे में बेटियों ने तय किया कि इकठ्ठा हुआ पैसा किसी अच्छे काम में लगाया जाए। पचपदरा में पक्षियों के लिए एक बड़े चुग्गा घर का निर्माण करवाने का निर्णय लिया गया जो बेटियों की ओर से कस्बे को सौगात होगा।
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