करौली सरकार धाम में हज़ारों भक्त हुए ध्यान साधना में मग्न, श्री करौली शंकर महादेव ने बच्चों को भी दिया गुरुमंत्र

करौली सरकार धाम में हज़ारों भक्त हुए ध्यान साधना में मग्न, श्री करौली शंकर महादेव ने बच्चों को भी दिया गुरुमंत्र
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कानपुर: करौली सरकार पूर्वज मुक्ति धाम में हाल ही में संपन्न हुए त्रिदिवसीय महासम्मेलन में कुछ ऐसा देखने को मिला जो बेहद ही अद्भुत और विस्मयी था। आपको बता दे हर तीन महीने में पूर्णिमा के अवसर पर करौली सरकार धाम में त्रिदिवसीय महासम्मेलन का आयोजन होता है। जनवरी माह में इसका आयोजन 26,27, और 28 तारीख को किया गया था। दरबार में लगभग 20000 से भी ज़्यादा भक्तों ने अपनी हाजरी दर्ज कराई। बच्चे, बूढ़े, जवान, विवाहित - अविवाहित, है तरह के लोग करौली शंकर महादेव के दरबार में उपस्थित थे। गुरुजी देश -विदेश में अपने तंत्र मंत्र के लिए प्रसिद्ध है व तंत्र मंत्र से ऐसे आलौकिक कार्य करते है जिससे सब भौचक्के रह जाते है। सबसे पहले दरबार में पहुंचे बच्चो ने गुरुजी से तंत्र मंत्र की दीक्षा प्राप्त की। 

गुरुजी ने तंत्र मंत्र का ज्ञान देकर बच्चों को जीवन में नकारात्मक स्मृतियों को नष्ट करने के लिए गुरु मंत्र दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार गुरुकुल में गुरु अपने शिष्यों को एक पद्धति की जानकारी दिया करते थे जिससे वह आगे जाकर समाज का उत्थान करते थे ठीक उसी प्रकार दरबार में तंत्र मंत्र और ध्यान संध्या में भाग लेने वाले बच्चे भी इस समाज के लिए तंत्र मंत्र को परोपकार के लिए इस्तेमाल करेंगे। इसके बाद गुरुजी ने ध्यान और साधना में भक्तों को लीन कराया जिसके बाद उन्होंने सभी को ध्यान और साधना के फायदे बताए। गुरुजी ने कहा कि जब हम साधना में जाते है तब हम सबसे पहले कुण्डलिनी की चर्चा करते है। माना जाता है कि कुण्डलिनी एक ऊर्जा है जो हमारे मूलाधार में स्थित रहती है। 

उन्होंने कहा कि साधना की मदद से हम इस ऊर्जा का संधान करते है, उसे मूलाधार से ऊपर की ओर गति करते है। और इस रास्ते को पार करने के लिए 7 चक्रों का ज़िक्र किया गया है जो तभी भेद हो सकते है जब मनुष्य साधना और ध्यान लगाए। इसके बाद दरबार में कुछ ऐसा हुआ जिसने दीक्षित हुए भक्तों की छिपी हुई शक्ति के सामने रख दिया। श्री करौली शंकर महादेव ने दरबार में भक्तों से पूछा कि कौन कौन उन्हें कुर्सी पर बैठा हुआ नही देख पा रहा था। कुछ भक्तगण खड़े हुए और जवान दिया। जिसके बाद बाबा ने एक तंत्र किया जिसके बाद वह उन्हें भी दिखने लगे। यह चमत्कार भी साधना और ध्यान के कारण ही हुआ। गुरुजी ने कहा कि परिश्रम का फल हमेशा मिलता है और इसलिए ध्यान और साधना के साथ जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए। श्री करौली शंकर महादेव ने यह कहा कि ध्यान लगाने के 6 चरण होते है और कोई यदि कोई 4 चरण तक ध्यान मग्न हो जाए तो उसके पास जीवन की एक नई दिशा मिल जाती है।

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