नई दिल्ली : भारत में तीन तलाक को रोकने के मकसद से आज लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पेश हो सकता है. बता दे कि पिछले हफ्ते कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी.
वही अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गयूरुल हसन रिजवी ने कहा, 'देश की सरकार ने अल्पसंख्यकों के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं और जमीनी स्तर पर इसका असर दिख रहा है.
बता दे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते 15 दिसंबर को ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ को मंजूरी दी थी. इस विधेयक में तलाक देने वाले पति के लिए तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
आपको बता दे कि इससे पहले बुधवार को संसद में सरकार की ओर से कहा गया कि तीन तलाक के खिलाफ विधेयक तैयार करने में मुस्लिम संगठनों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया और यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है, जिसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है.