लखनऊ. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सरे दावे धरे के धरे रह गए है.यहाँ आये दिन कोई न कोई ऐसी घटना सामने आ रही है जो सरकार की पोल खोल रही है. चोरी, रेप तो जैसे आम बात हो गई है लेकिन अगर मामला लापरवाही से किसी बच्चे कि मौत का हो तो यह बर्दास्त के बहार है.
ऐसा ही एक मामला लखनऊ के अवंतीबाई महिला अस्पताल का है. यहाँ दो दिन पहले नवजात की मौत के मामले में अस्पताल प्रशासन ने वैक्सीनेशन की खराबी से इंकार किया है. वहीं अस्पताल कर्मचारियों द्वारा पैसे वसूलने की शिकायत के संबंध में सोमवार को तीन गार्ड और संविदा की तीन नर्सो को निलंबित कर दिया गया. अस्पताल प्रशासन ने जल्द ही गार्डो की एजेंसी बदलने की बात कही है.
बता दे कि 18 नवंबर को मुसाहिबगंज निवासी खुशनुमा शेख की दो दिन की नवजात बच्ची बीसीजी का टीका और ओपीवी ड्रॉप पिलाई गई थी. जिसमें परिजनों का आरोप था कि थोड़ी देर बाद बच्ची को उल्टी हुई, कुछ देर बाद बुखार आ गया. जानकारी के बाद भी डॉक्टर और नर्सो न उनकी बात अनसुनी कर दी. इसके बाद शनिवार सुबह 11 बजे बच्ची की मौत हो गई.
इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन ने वैक्सीन में गड़बड़ी की वजह से बच्ची की मौत का आरोप लगाया था. तब अस्पताल प्रशासन ने बताया था कि बच्ची की मौत मिल्क एस्पिरेशन यानी सडन इंफेंट सिंड्रोम की वजह से हुई है.
इस मसमलए के सामने आते ही सीएमएस डॉ.नीरा जैन ने कार्रवाई करते हुए तीन टी एंड एम कंपनी की संविदा पर कार्यरत नर्सो को निलंबित कर दिया. इसके अलावा तीन स्थाई रूप से तैनात नर्सो को लिखित रूप में चेतावनी भी दी.
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