वाहन निर्माता कंपनी ड्रावरलेस कार बनाने के लिए लगातार योजना बना रहे हैं। और यह भी कहा जा सकता है कि भारत की सड़कों पर जल्द ही ड्राइवरलेस कारों को चलने का सपना साकार हो जाएगा। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि यह योजना सफल हो गयी तो देश को जाम से भी मूक्ति मिल जाएगी।
भारतीय तकनीकि संस्थान कानपुर, मुंबई और खडगपुर की टीमें ड्राइवरलेस सोल्यूशन पर काम कर रहे हैं। इस परियोजना को लेकर कुछ ऑटोमोटिव कम्पनियां भी दिलचस्पी दिखा रही हैं। लेकिन इनके नामों का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। आईआईटी बॉम्बे के अंकित शर्मा कहते है कि भारत एक जटिल मार्केट है और यहां पर पर्याप्त बुनियादी ढांचों और नागरिक भावनाओं का अभाव है। ऐसे में यह कार्य उनके लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। अंकित ड्राइवरलेस प्रौद्योगिकी पर काम करने वाले छात्रों की टीम को लीड कर रहे हैं।
इसके अलावा इस परियोजना को लेकर आईआईटी खडगपुर के देवाशीष चक्रवर्ती ने बताया है कि हम इस प्रोजेक्ट को लेकर वैश्विक कम्पनियों के साथ मिलकर इससे संबंधित तकनिकी का परीक्षण कर रहे हैं और भारत के बाजार को देखते हुए हम यहां पर ड्राइवरलेस प्रौद्योगिक पर काम कर रहे हैं। जानकारी के लिए आपको बता दे कि भारत के अलावा गूगल, उबर और टेस्ला जैसी कई वैश्विक कम्पनियां इस सेल्फ कार के प्रोजेक्ट को लेकर अपनी टेस्टिंग शुरू कर चुकी है।
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