टेनिस के पूर्व महान खिलाड़ी बोरिस बेकर को दिवालियापन के केस में यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को ढाई वर्ष जेल की सजा सुना दी है। अदालत ने उन्हें दिवालिया घोषित होने के उपरांत बैंक खाते से अवैध रूप से हजारों डॉलर हस्तांतरित किए जाने के केस में दोषी पाया जा चुका है। तीन बार के विंबलडन चैंपियन को इस माह की शुरुआत में दिवाला अधिनियम के अंतर्गत 4 आरोपों में दोषी ठहराया गया था। इस केस में अधिकतम 7 वर्ष जेल की सजा का प्रावधान है।
जर्मनी के इस खिलाड़ी ने जून 2017 में दिवालिया होने के उपरांत अपने व्यवसायिक खाते से अन्य खातों में सैकड़ों हजार पाउंड (डॉलर) स्थानांतरित किए जा चुके है, जिसमें उनकी पूर्व पत्नी बारबरा और शर्ली "लिली" बेकर का नाम भी शामिल था। उन्हें जर्मनी में एक संपत्ति घोषित करने में विफल रहने और एक तकनीकी फर्म में 825,000 यूरो (895,000 डॉलर) बैंक ऋण और शेयरों को छिपाने का भी दोषी ठहराया गया जा चुका है। उन्हें 20 अन्य केसों में बरी किया जा चुका था, जिसमें यह आरोप भी शामिल था कि वह अपने कई पुरस्कारों को सौंपने में विफल रहे, जिसमें दो विंबलडन ट्राफियां और एक ओलंपिक गोल्ड मेडल शामिल हैं।
लंदन के साउथवार्क क्राउन कोर्ट की जूरी (न्यायपीठ) ने उन्हें 20 अन्य केस में भी बरी कर दिया। बेकर विंबलडन के बैंगनी और हरे रंगों में धारीदार टाई पहन कर अपनी प्रेमिका लिलियन डी कार्वाल्हो मोंटेरो के साथ अदालत आए हुए थे। छह बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन ने सभी इल्जामों का खंडन करते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी संपत्ति हासिल करने के लिए काम करने वाले ट्रस्टियों के साथ सहयोग किया था और विशेषज्ञ की सलाह पर काम कर चुके है।
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