संगीत और नृत्य के माध्यम से उबर रही है देह व्यापार में फसी लड़कियां

संगीत और नृत्य के माध्यम से उबर रही है देह व्यापार में फसी लड़कियां
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के 24 परगना की सायमा (बदला हुआ नाम) को इसका बिलकुल आभास नहीं था कि जिसकी मोहब्बत में वो अपने गाँव से भागकर मुंबई जा रही हैं. दरअसल वही उसका सौदागर बन जाएगा. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि पूरे भारत में मानव तस्करी की शिकार लड़कियों में से 42 प्रतिशत सिर्फ पश्चिम बंगाल की हैं|

समवेद' नामक एक ग़ैर सरकारी संगठन ने तस्करी का शिकार हुई इन लड़कियों को उनके पुनर्वास केंद्रों पर ही जाकर संगीत और नृत्य के माध्यम से ज़िन्दगी को दोबारा जीने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू किया है|

सामजिक कार्यकर्ता बैताली गांगुली कहती हैं पश्चिम बंगाल न सिर्फ देह व्यापार के लिए की जा रही मानव तस्करी का बड़ा केंद्र है. बल्कि यह बांग्लादेश और नेपाल से तस्करी का शिकार हुई लड़कियों का 'ट्रांजिट प्वॉइंट' भी है. पश्चिम बंगाल की सरकार और कुछ समाजिक संगठनों ने ऐसी लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से बचाने के लिए व्यापक अभियान चलाया है. अभियान के दौरान देश के विभिन्न 'रेड लाइट' इलाकों और डांस बारों से बहुत सारी लड़कियों को बचाया भी गया है।

सामजिक संस्थाओं के सामने इन लड़कियों के पुनर्वास की समस्या सबसे बड़ी चुनौती के रूप में रही है क्योंकि यातना और शोषण के बाद इनमें मनोवैज्ञानिक अस्थिरता के लक्षण पैदा हो जाते हैं।

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