जैकी श्रॉफ 80 के दशक के एक ऐसे कलाकार है, जिन्होंने ना सिर्फ अपने करियर में इतिहास रचा बल्कि हिंदी सिनेमा को भी नई ऊंचाइयां भी प्रदान की है. अब वह भले ही अपनी उम्र के 65वें वर्ष में कदम रखने वाले हैं, लेकिन उनका दबदबा लोगों के मध्य सदाबहार है. हालांकि, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए उन्हें कभी टॉयलेट की लाइन में खड़े होकर घंटो प्रतीक्षा भी करनी पड़ी है. जैकी श्रॉफ के करियर की कहानी किसी मूवी की स्टोरी से कम नहीं है. जिस तरह गरीबी और तंगहाली के दौर से ऊपर उठकर जैकी ने मूवीज में अपना स्थान तलाशा और कदम जमाए वह वाकई एक नई मिशाल भी हासिल कर ली. एक एक्टर के रूप में उभरने से पहले वह एक चॉल में अपना जीवन बिताते थे.
खुद एक साक्षत्कार में अभिनेता ने बताया था कि, चॉल में पब्लिक बाथरूम होने का कारण से जैकी लाइन में लगकर टॉयलेट उपयोग करने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करनी पड़ती थी. तब तक उन्होंने मूवी हीरो से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाना शुरू कर दी थी. ऐसे में उन्हें बस कभी-कभी स्टार होने का यह लाभ मिल जाता था कि लोग उन्हें लाइन में आगे लगने का अवसर दे देते थे क्योंकि उन्हें शूटिंग पर जाना होता था. वह लोगों से गुजारिश कर लेते थे कि उन्हें बाथरूम जल्दी यूज करने दें, नहीं तो वो लेट हो सकते है.
गौरतलब है कि, 1983 में हीरो से अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाले जैकी इंडस्ट्री में 38 वर्ष से अधिक समय बिता चुके हैं. इस बीच उन्होंने तकरीबन 220 फिल्मों में काम किया है जिनमें 'कर्मा' (Karma), 'खलनायक' (Khalnayak), 'राम-लखन' (Ram Lakhan), 'सौदागर' (Saudagar), 'बॉर्डर' (Border), 'रंगीला' (Rangeela) जैसी मूवीज शामिल हैं.
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