नई दिल्ली: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और भारत का आखिर कनेक्शन क्या है? देश से लेकर विदेश तक हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर दलाई लामा को भारत से इतनी मोहब्बत क्यों है। यहां बता दें कि ऐसा ही एक सवाल चीनी और अमेरिकी मीडिया ने भी दलाई लामा से पूछा। उनका सवाल था, किस कारण आप दलाई लामा खुद को भारत के बेटे के रूप में देखते हैं? दलाई लामा ने भी इसका दिलचस्प जवाब दिया।
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यहां बता दें कि चीनी और अमेरिकी मीडिया के इस सवाल के जवाब में दलाई लामा ने कहा कि मेरा दिमाग नालंदा के विचारों से भरा है और मेरा शरीर भारतीय व्यंजन दाल-रोटी और डोसा खाकर चल रहा है। इसलिए शारीरिक और मानसिक रूप से मैं इस देश से हूं और इस तरह मैं भारत का बेटा हुआ। वहीं बता दें कि 83 वर्षीय दलाई लामा तिब्बती आध्यात्मिक नेता है, चीन हमेशा से तिब्बत पर अपना दावा पेश करता आया है। दलाई लामा को हमेशा से भारत के प्रति प्रेम की भावना रही है, लेकिन चीन हमेशा से उनसे चिढ़ता आया है।
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गौरतलब है कि दलाई लामा जिस भी देश जाते हैं, चीन उस पर आपत्ति दर्ज कराता है। दरअसल, चीन दलाई लामा को अलगाववादी मानता है, वह सोचता है कि दलाई लामा उसके लिए समस्या हैं। बता दें कि 13वें दलाई लामा ने 1912 में तिब्बत को स्वतंत्र घोषित कर दिया था, लेकिन 14वें दलाई लामा के चुनने की प्रक्रिया के दौरान चीन के लोगों ने तिब्बत पर आक्रमण कर दिया और तिब्बत को इस लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा। वहीं, कुछ सालों बाद अपनी संप्रभुता की मांग उठाते हुए तिब्बत के लोगों ने भी चीनी शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया, हालांकि विद्रोहियों को इसमें सफलता नहीं मिली।
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