भोपाल। इसी साल नवंबर में मध्यप्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस पूरी जी—जान से कोशिश कर रही है कि 15 साल बाद वह वापस मध्यप्रदेश का ताज पहन सके और इसी कवायद के तहत कांग्रेस ने हाल ही में टिकिट वितरण को लेकर एक फरमान जारी किया था। इस फरमान के अनुसार, कांग्रेस ने कहा था कि टिकिट चाहने वाले नेताओं की सोशल मीडिया पर उपस्थिति जरूरी है, लेकिन अब कांग्रेस ने इसे वापस ले लिया है।
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मध्यप्रदेश में कांग्रेस के संगठन प्रभारी चंद्र प्रभाष शेखर ने कहा कि पार्टी ने सोशल मीडिया की अनिवार्यता की शर्त को खत्म कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस ने यह आदेश प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की नाराजगी के बाद वापस लिया है। दरअसल, कमलनाथ पार्टी के इस फरमान के खिलाफ थे और उन्होंने इस पर अपना विरोध भी जताया था। अब कांग्रेस पार्टी किसी भी हालत में मध्यप्रदेश में कलह नहीं चाहती, इसलिए बैकफुट पर आते हुए उसने अपना यह फैसला वापस ले लिया था।
क्या कहा था पार्टी ने
कांग्रेस ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को एक पत्र लिखकर सोशल मीडिया पर सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा था। पार्टी ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि अगर वे टिकिट चाहते हैं, तो फेसबुक पर उनके लाइक्स 15000 हों, इसके अलावा ट्विटर पर भी उनके फॉलोवर्स 5000 होने चाहिए। पार्टी ने नेताओं से यह भी कहा था कि उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस के सभी ट्वीट्स को लाइक और रिट्वीट करना पड़ेगा।
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बता दें कि कांग्रेस पार्टी किसी भी कीमत पर मध्यप्रदेश का किला फतह करने की जुगत में है। इसलिए वह चाहती है कि हर मामले में भाजपा से आगे निकले और सोशल मीडिया को लेकर उसका फरमान इसी कवायद का नतीजा था। गौरतलब है कि पार्टी इसी महीने मध्यप्रदेश की 80 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है।
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