बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य की नहर में एक नर बाघ का शव तैरता पाया गया है। मिली जानकारी के तहत इस बारे में आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी है। उनका कहना है कि, 'बाघ के शव पर बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं।' खबरों के अनुसार उत्तर प्रदेश में घाघरा नदी से जुड़ी नहर पर बने चौधरी चरण सिंह (गिरिजापुरी) बैराज के नीचे बीते शनिवार को बाघ का शव तैरता हुआ पाया गया, वहीं संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) आकाशदीप बधावन ने इस बारे में बताते हुए कहा, 'ग्रामीणों ने इसे दोपहर करीब साढ़े तीन बजे देखा।'
आगे उन्होंने बताया, 'स्थानीय लोगों ने तत्काल इसकी सूचना वन एवं सिंचाई विभाग को दी। शव को कतर्नियाघाट वन परिक्षेत्र कार्यालय लाने के लिए वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची। देखने में लगता है कि बाघ की उम्र करीब चार साल है शव पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले।' आगे उन्होंने यह भी जानकारी दी कि, 'मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पशु चिकित्सकों का एक पैनल पोस्टमार्टम करेगा।' वहीं दूसरी तरफ बाघ संरक्षण के विशेषज्ञ, वरिष्ठ भारतीय वन सेवा अधिकारी रमेश कुमार पांडे का कहना है कि, 'राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, हर बाघ की मौत को अप्राकृतिक माना जाता है जब तक कि साबित न हो जाए।'
आगे उन्होंने यह भी समझाया कि, 'बाघ की मौत को स्वाभाविक साबित करने के लिए, शिकार जहर जैसे अन्य सभी कोणों से इनकार करना होगा। बाघ का नहर में मृत पाया जाना बहुत दुर्लभ है क्योंकि बड़ी बिल्लियां अच्छी तैराक होती हैं।'
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