बाघों का राज्य कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में इस साल कुछ 17 बाढ़ों की मौत हो चुकी है. वहीं देशभर में जनवरी 2017 से लेकर 29 सितम्बर तक 71 बाघ मौत का शिकार हुए है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 17 कर्णाटक में 14, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में 12-12, उत्तर प्रदेश में 6, असम में चार, केरल तमिलनाडु में दो-दो, उड़ीसा और राजस्थान में एक-एक बाघ मौत का शिकार हुए.
एनटीसीए के आकड़ों पर नजर डालें तो, पिछले साल देश में कुल 100 बाघों की मौत हुई थी, जिनमें से 30 मौतें मध्य प्रदेश में ही हुई थी. मध्य प्रदेश वन्य जीव कार्यकर्त्ता अजय दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'टाइगर स्टेट अब टाइगर किलिंग स्टेट बन गया है'. उन्होंने कहा कि नौकरशाहों में बाघों के संरक्षण की इच्छा शक्ति नहीं बची है. दुबे ने कहा कि, "दुबे ने कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं ओडिशा में बाघों की काफी संख्या है जहां बाघों को बचाने के लिए विशेष बाघ सुरक्षा बल गठित है, लेकिन मध्य प्रदेश में अब तक ऐसा नहीं हो पाया है"
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