मध्य प्रदेश के सभी नेशनल पार्क एवं टाइगर रिजर्व अब बंद कर दिए गए हैं। राज्य के नेशनल पार्क 1 जुलाई से अक्टूबर तक बंद रहेंगे हालांकि कुछ टाइगर रिजर्व के बफर जोन में टाइगर सफारी जारी रहेगी। नेशनल पार्क एवं टाइगर रिजर्व बंद हो जाने लोग बाघों का दीदार नहीं कर सकेंगे। वर्षा के मौसम में पूरे 3 महीनों तक पार्क बंद रहेंगे। इस मौसम में बाघ बाघिन बहुत खूंखार हो जाते हैं। यही वजह है कि वर्षा में नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए बंद कर दिए जाते हैं।
जून माह के आखिरी दिन रविवार शाम को राज्य के सभी टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए। अब नेशनल पार्क या टाइगर रिजर्व के कोर जोन में टूरिस्ट नहीं जा सकेंगे। पूरे 3 महीने तक पर्यटकों के लिए यह प्रतिबंध लागू रहेंगे। बाघों एवं अन्य वन्य प्राणियों को एकांतवास देने के लिए पार्क बंद किए जाते हैं। दरअसल बारिश का मौसम विशेष तौर पर बाघ—बाघिन के लिए बहुत विशेष होता है। बाघ बाघिन के लिए यह संसर्ग काल होता है, इस मौसम में बाघ-बाघिन हमेशा साथ रहते हैं। उनके एकांतवास में जरा सा भी खलल पड़ने पर वे उग्र हो उठते हैं। ऐसे में बाघ बाघिन और अधिक खूंखार हो जाते हैं इसलिए बरसात में टाइगर रिजर्व एवं नेशनल पार्क बंद कर दिए जाते हैं।
राज्य के सभी टाइगर रिजर्व अब पर्यटकों के लिए एक अक्टूबर को खोले जाएंगे। इस के चलते बांधवगढ़ समेत राज्य के अन्य टाइगर रिजर्व के बफर जोन में टाइगर सफारी जारी रहेगी। बफर जोन में पर्यटक वर्षा में भी सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। मध्यप्रदेश के 6 टाइगर रिजर्व में बांधवगढ़, कान्हा, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना एवं संजय धुबरी सम्मिलित हैं। इस बार 9 महीनों में यहां 7 लाख से अधिक टूरिस्ट पहुंचे थे।
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