सारणी : शहर में मौजूद बाघ दस दिन की खास मशक्क्त के बाद वन विभाग की पकड़ में आ चुका है। सारनी के राख डैम में 2 दिनों के मेगा ऑपरेशन में यह सफलता मिली। 4 हाथी, 3 जेसीबी और 150 से ज्यादा लोगों की टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। सारनी में 1 दिसंबर को कोल हेंडलिंग प्लांट के पास बाघ दिखा था। 10 दिनों से बाघ की मौजूदगी से लोगों में दहशत थी।
बेहोश कर पकड़ा
क्षेत्र में धारा 144 लागू की हुई थी एसटीआर 8 दिन से रेस्क्यू कर रहा था। वन विभाग और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम का 2 दिनों से राख बांध में मेगा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। सोमवार शाम 4.30 बजे टीम को बाघ को ट्रेंकुलाइजर करने में सफलता मिली। इंजेक्शन लगने के 15 मिनट बाद बाघ बेहोश हुआ। इसके बाद उसे पिंजरे में बंद कर दिया।
वही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सोमवार दोपहर पनपथा बफर जोन से 7 से 8 साल की उम्र के एक बाघ का शव मिला है। बाघ की मौत के कारणों की जांच की जा रही है। उधर प्रबंधन का कहना है कि शव के परीक्षण के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पायेगा।
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इस कारण यंहा अब भी जारी है पुलिस सर्चिंग
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