नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में कैद 54 विदेशी महिला कैदियों ने भेदभाव का इल्जाम लगाते हुए पैरोल की शर्तों को सरल बनाने की मांग की है. यह मांग कोरोनावायरस को देखते हुए की गई है. इन 54 महिलाओं ने इस संबंध में हाई पावर्ड कमेटी (एचपीसी) को पत्र लिखा है, जो शीर्ष अदालत के आदेशों के बाद गठित की गई थी. पत्र में कहा गया है कि कोरोना वायरस के आने के बाद भारतीय कैदियों के लिए पैरोल और अंतरिम जमानत के मानदंड सरल कर दिए गए हैं, किन्तु विदेशियों के लिए ऐसा नहीं किया गया है.
विदेशी महिला कैदियों ने अपने पत्र में लिखा है कि, 'हम निवेदन करते हैं कि इस महत्वपूर्ण समय पर हमारे साथ पक्षपात नहीं किया जाना चाहिए. पैरोल, अंतरिम जमानत या छूट का लाभ हम सभी कैदियों को दिया जा सकता है. हम भी इंसान हैं और हमें भी कोरोना का संक्रमण होने का खतरा है.' यह पत्र न्यायमूर्ति हेमा कोहली की अध्यक्षता वाली हाई पावर्ड कमेटी (High Powered Committee) को भेजा गया है.
'द हिंदू' के अनुसार, इन महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अजय वर्मा ने बताया कि कई विदेशी महिलाएं बीमार हैं. ऐसे में उन्हें कोरोना होने का गंभीर खतरा है. उन्होंने हाई पावर्ड कमेटी (HPC) से अनुरोध किया कि वे जोखिमों के मद्देनजर अंतरिम रिहाई या आपातकालीन पैरोल के मानदंडों को शिथिल करने के बारे में विचार करें.
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