सुरक्षा कारणों के चलते चीनी वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक निरंतर अलग-अलग देशों में बैन करने का काम भी किया जा रहा है. खबरों का कहना है कि सुरक्षा कारणों को ही इसके पीछे जिम्मेदार कहा जा रहा है इसके कारण से कई देशों ने इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है आपको यह जानकर हैरानी होगी कि महज 24 घंटे के अंदर ही इंग्लैंड और न्यूजीलैंड ने सांसद के फोन पर टिक टॉक को बैन कर दिया है.
दरअसल इस ऐप को खतरनाक माना जा रहा है और यही कारण है कि इस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय कर लिया है. सामने आई जानकारी इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के साथ ही अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ और इंडिया जैसे देश इस वीडियो शेयरिंग APP को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर चुके हैं. खबरों की माने तो चीन ने अमेरिका को टिक टॉक की वजह से होने वाले संभावित खतरों के बारे में गलत जानकारी दी थी और इसी के चलते टिक टॉक पर पूरी तरह से प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है.
इसे लेकर चिंता है जायज: इतना ही नहीं टिक टॉक काफी तेजी के साथ यूजर्स के मध्य पॉपुलर हो ही जाता है लेकिन लोग इसके बारे में समझ नहीं पाते हैं और जिससे होने वाले खतरों के बारे में भी जान नहीं पाते हैं. TIK TOK टीम मूल कंपनी वाइट डांस एप्लीकेशन यूजर्स के डाटा को साझा करती है जिनमें ब्राउजिंग हिस्ट्री से लेकर लोकेशन और बायोमेट्रिक जानकारियां शामिल है और इन जानकारियों को कंपनी चीनी सरकार के साथ शेयर भी कर दी है. यही वजह है कि लगातार कई देश TIK TOK को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर चुके हैं और निरंतर इस क्रम को जारी रखे हुए हैं. टिक टॉक ठीक उसी तरह से काम करता था जिस तरह से आज इंस्टाग्राम और फेसबुक काम कर रहे हैं और यूजर्स इस पर वीडियो बनाकर साझा करते थे और बहुत सारे यूजर्स तो इसकी वजह से सेलिब्रिटी बन चुके और उन्होंने लाखों रुपए कमा लिए. भारत में इस ऐप पर प्रतिबंध लगे हुए कई साल गुजर चुके है.
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