हमारे देश को गावों का देश कहा जाता हैं जिसमें लाखों गाँव स्थित हैं. वैसे कहीं भी चले जाएँ आपको लोग ऐसे मिल ही जाते हैं जो स्मोकिंग करते हैं या किसी अन्य प्रकार का ड्रग लेते हैं जो सेहत ले लिए हानिकारक होता है. अब इन लाखों गांव में से अपनी विशेषता के चलते देश का एकमात्र गांव होना बहुत मुश्किल काम है. आज हम आपको जिस गांव के बारे में बताने जा रहे हैं वह अपनेआप में ही अनोखा गांव हैं. इसकी खासियत सुनकर आपको भी हैरानी होगी कि इस गांव के लोग ऐसे कैसे रह सकते हैं. चलिए जानते हैं इसके बारे में.
दरअसल, इस गांव की विशेषता के चलते इसकी मिसाल दूर-दूर तक दी जाती हैं. हम बात कर रहे हैं हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे और राजस्थान से सटे गांव टीकला की जो कि दुनियाभर के लिए आदर्श माना जाता है क्योंकि यहां एक भी व्यक्ति सिगरेट, तम्बाकू और पान मसाले का सेवन नहीं करता है. जानकारी के अनुसार, इस गांव की जनसँख्या करीब 1500 लोगों की है. भले ही ये गांव छोटा हो लेकिन फिर भी यहाँ का एक भी व्यक्ति धूम्रपान और तम्बाकू से बने किसी भी उत्पाद का सेवन नहीं करता है. यानि ये गांव को आप आइडियल कह सकते हैं. हैरानी वाली बात तो ये है कि गांव में अगर कोई बाहरी व्यक्ति भी आता है तो पहले उसकी तलाशी की जाती है और उससे पूछा जाता है कि उसके पास सिगरेट, तम्बाकू आदि जैसे कोई सामान तो नहीं है इसके बाद ही उसे गांव में प्रवेश मिलता है.
इतना ही नहीं, यहां आने वाले लोग भी बुरा नहीं मानते बल्कि उस पर अमल करते हैं और दूसरी जगहों पर इस गांव के बारे में जिक्र भी करते हैं. इसके पीछे का कारण है कि गांव में बाबा भगवानदास का मंदिर और उनकी समाधी बनी हुईं है.बाबा भगवानदास शुरुआत से ही तम्बाकू और उससे बने सभी उत्पादों का बहिष्कार करते थे. बाबा द्वारा कई चमत्कार भी किये गए है जिसके बाद उनके प्रति आस्था लोगो में और ज्यादा बढ़ गई. इसी के बाद लोगों ने इस परंपरा को मान लिया तम्बाकू या सिगरेट छोड़ दी. इसी खासियत के कारण आज टीकला गांव देशभर में मशहूर हो गया है.
चोरी कर बच्चे को दूकान में भूली महिला और फिर...
इस झील में जाने वाले जानवर भी हो गए पत्थर के, जानें राज़
Video : अपने ही बच्चे को ऑटो में भूली महिला, फ़ोन पर थी व्यस्त