आप सभी को बता दें कि शास्त्रों में माघ मास की प्रत्येक तिथि पर्व मानी जाती है ओर अगर अशक्त स्थिति के कारण पूरे महीने का नियम न निभा सके तो उसमें यह व्यवस्था भी दी है कि 3 दिन अथवा 1 दिन माघ स्नान का व्रत का पालन करें. कहते हैं 'मासपर्यन्तं स्नानासम्भवे तु त्र्यहमेकाहं वा स्नायात्।' यानी माघ मास की कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को तिल द्वादशी का व्रत करते हैं और साल 2019 में यह व्रत 1 फरवरी यानी आज यानी शुक्रवार को है. ऐसे में इस दिन खास तौर पर भगवान विष्णु का पूजन तिल से किया जाता है तथा पवित्र नदियों में स्नान व दान करने का नियम है. कहते हैं इनसे मनुष्य को शुभ लाभ दोनों प्राप्त होते हैं.
इसी के साथ बात करें धार्मिक पौराणिक ग्रंथ पद्म पुराण की तो उसके अनुसार माघ मास के माहात्म्य का वर्णन किया गया है, जिसमें कहा गया है कि पूजा करने से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि माघ महीने में स्नान मात्र से होती है. कहते हैं सभी पापों से मुक्ति और भगवान वासुदेव की प्रीति प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को माघ स्नान अवश्य ही करें.
आप सभी को यह भी बता दें कि महाभारत में उल्लेख आया है कि जो मनुष्य माघ मास में तपस्वियों को तिल दान करता है, वह कभी नरक का दर्शन नहीं करता और माघ मास की द्वादशी तिथि को दिन-रात उपवास करके भगवान माधव की पूजा करने से मनुष्य को राजसूय यज्ञ का फल सुबह होता है. इसी के साथ माघ मास एवं स्नान-दान करने से भी लाभ होता है और इस दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' का जाप जरूर किया जाना चाहिए.
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